
ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाकर लगातार सरकार को घेर रही कांग्रेस पर पूर्व राजदूत ने नाराजगी जाहिर की है। पूर्व राजदूत केबी फैबियन ने कहा कि कांग्रेस जिम्मेदारी से पेश नहीं आ रही है। वह चीजों को गहराई से समझ नहीं रही है। कांग्रेस ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बयान पर सवाल खड़े किए थे।
पूर्व राजनयिक केबी फैबियन ने कहा कि वायुसेना प्रमुख का बयान हमें आश्वस्त करने वाला है। मगर अब कुछ लोग रणनीति, ग्रे ज़ोन या अन्य क्षेत्रों के गहन ज्ञान के बजाय सामान्य ज्ञान पर भरोसा करते हुए फिर से पूछेंगे कि यह सब कब हुआ? युद्ध तीन महीने पहले 10 मई को समाप्त हो गया था। हमें अब क्यों बताया जा रहा है? वायुसेना प्रमुख या सेना प्रमुख को हमें ये बातें बताने से किसने रोका था?
उन्होंने कहा कि मुझे डर है कि कांग्रेस जिम्मेदारी से पेश नहीं आ रही है। यह संघर्ष पीओके को आजाद कराने के लिए नहीं था। हमारा मकसद आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे बुनियादी ढांचे पर सर्जिकल स्ट्राइक करना था। फिर पाकिस्तान हम पर हमला करके अपनी हरकतें बढ़ाएगा। फिर हमने इतनी जोरदार जवाबी कार्रवाई की कि पाकिस्तान अमेरिका जाकर रो पड़ा। अब कांग्रेस सवाल कर रही है कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप को झूठा क्यों नहीं कह रहे हैं; यह कूटनीतिक नहीं है। एक सरकार का मुखिया दूसरे सरकार के मुखिया को झूठा नहीं कह सकता।
पूर्व राजदूत ने कहा कि एक क्षेत्र ऐसा है जहां भारत बेहतर कर सकता था, वो यह कि जब पाकिस्तानी डीजीएमओ ने युद्धविराम की मांग की, तो भारत तुरंत बयान दे सकता था कि पाकिस्तान ने युद्धविराम की मांग की है और हम इस पर विचार कर रहे हैं। भारतीय डीजीएमओ को भारतीय नेतृत्व से सलाह-मशविरा करके हां और ना में जवाब देना चाहिए था।
वायुसेना प्रमुख का ऑपरेशन सिंदूर पर खुलासा
बंगलूरू में आयोजित 16वें एयर चीफ मार्शल एलएम कात्रे मेमोरियल लेक्चर के दौरान एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के छह लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया था। उन्होंने इसे भारत द्वारा अब तक का सबसे बड़ा सतह से हवा में मारने का रिकॉर्ड बताया।
एयर चीफ मार्शल ने बताया कि कम से कम पांच लड़ाकू विमान और एक बड़ा विमान, जो एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम या कोई अन्य हो सकता है, को करीब 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारतीय वायुसेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और हमारे सैनिकों की क्षमता का प्रमाण है।