
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने रविवार को कहा कि झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के पास ऐसे सबूत हैं जो यह साबित करते हैं कि पिछले साल झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें फंसाने की साजिश रची गई थी। सरमा ने दावा किया कि यह साजिश झारखंड के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रची थी। उस समय सरमा झारखंड चुनाव में भाजपा के सह-प्रभारी थे।
बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को आरोप लगाया था कि एक पुलिस अधिकारी ने किसी व्यक्ति को पैसे देकर दिल्ली और गुवाहाटी भेजा, ताकि सरमा को झारखंड चुनाव के दौरान फंसाया जा सके। मरांडी ने कहा कि उनके पास इस संबंध में ठोस सबूत मौजूद हैं और वह जल्द ही इस मामले का खुलासा करेंगे। मरांडी के आरोप ‘हनी-ट्रैप’ के प्रयास की ओर इशारा करते हैं।
मुख्यमंत्री सरमा की प्रतिक्रिया
बकसा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान सरमा ने कहा कि मैंने मरांडी जी से बात की है। उन्होंने कहा कि उनके पास सबूत हैं, मैंने जवाब दिया कि ठीक है। सरमा ने कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे और यदि कोई उनके खिलाफ साजिश करता है तो भी उन्हें कहने के लिए कुछ नहीं है। आगे उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति नहीं है, लेकिन चूंकि मरांडी जी ने इसे उजागर किया है, इसलिए वह जो सबूत बताएंगे, उसी के आधार पर सच सामने आएगा।
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घटना का विवरण
सरमा ने बताया कि पिछले साल दो महिलाएं उनके कार्यालय आई थीं, जिनमें से एक असम की रहने वाली थी। उन्होंने कहा कि वे संदिग्ध तरीके से बातें कर रही थीं, लेकिन मैंने उन्हें आम जनता की तरह ही व्यवहार किया और भेज दिया। मरांडी के मुताबिक, यह घटना उसी कथित साजिश का हिस्सा थी, जिसमें पुलिस अधिकारी की भूमिका की जांच जरूरी है।
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आगे की कार्रवाई और राजनीतिक असर
मरांडी के इस खुलासे से झारखंड और असम दोनों में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर सबूत सामने आते हैं तो यह मामला गंभीर होगा और इसमें शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए किया गया बयान है। अब सबकी निगाहें मरांडी द्वारा सबूत पेश करने पर टिकी हैं।