

धराली गांव में पांच अगस्त को खीर गंगा में आए सैलाब के साथ बह कर आए मलबे ने छोटी सी नदी का प्रवाह बदल कर तीन भागों में बांट दिया है। दूसरी ओर इसके साथ बह कर आए मलबे ने भागीरथी नदी के प्रवाह को भी बदल दिया है।
Uttarkashi Disaster: आंखें नम और मन में उम्मीद…अपनों के जिंदा होने की आस में धराली की ओर बढ़ रहे लोग

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धराली में आपदा से आया मलबा में दबे मकान
– फोटो : जागरूक पाठक
हालत यह है कि पूरा बाजार करीब 40 से 50 फीट के मलबे में दबा है और करीब एक से दो किमी तक हर ओर मलबा ही पसरा हुआ है। साथ ही धराली को मुखबा गांव को जोड़ने वाला झूला पुल जो भागीरथी से बहुत ऊपर था।

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धराली में मलबा में दबे भवन
– फोटो : जागरूक पाठक
पानी अब उसको छूकर बह रहा है। दूसरी ओर पुल भी क्षतिग्रस्त स्थिति में होने के कारण उसका संपर्क कभी भी मुखबा गांव से कट सकता है। इस कारण धराली गांव हर्षिल की ओर से करीब डेढ़ किमी लंबी झील बनने के बाद देश दुनिया से कटा हुआ है।

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उत्तरकाशी आपदा
– फोटो : संवाद
जिससे धराली के बीच के अग्यारी तोक में रहने वाले लोग खीर गंगा के दूसरी ओर रहने वाले आपदा प्रभावित ग्रामीणों से मिलने भी नहीं जा पा रहे हैं।

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उत्तरकाशी आपदा में मकान में घुसा मलबा
– फोटो : एजेंसी
वहीं अभी भी कई स्थानों पर मलबा ऐसी स्थिति में है कि वहां पर धंसाव का खतरा बना हुआ है। इसका उदाहरण तब देखने को मिला कि वहां पर मलबा हटा रही एक जेसीबी आधी मलबे में घुस गई।