
पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से सिंधु जल संधि को निलंबित किए जाने से पाकिस्तान अब घुटनों पर आ गया है। अब इस संधि को बहाल करने के लिए वह भारत के सामने गिड़गिड़ाया है। उसने भारत से अपील की है कि वह मई में स्थगित इस संधि को बहाल करने की सामान्य प्रक्रिया फिर शुरू करे।
दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने हमला किया था। इस हमले में 26 लोगों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। उनको मारने से पहले उनके धर्म की पहचान की गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाएथे। इनमें 1960 की सिंधु जल संधि को स्थगन में रखना भी शामिल था।
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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि वह सिंधु जल संधि के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है और उसे उम्मीद है कि भारत भी इस संधि की सामान्य प्रक्रिया को तुरंत फिर से शुरू करेगा। पाकिस्तान ने आठ अगस्त को स्थायी मध्यस्थता न्यायालय की ओर से की गई व्याख्या का स्वागत किया है, जो सिंधु जल संधि से संबंधित है।
भारत ने पाकिस्तान की आपत्तियों के बाद कभी उस अंतरराष्ट्रीय अदालत की सुनवाई को स्वीकार नहीं किया, जिसमें पाकिस्तान ने भारत की दो जलविद्युत परियोजनाओं के डिजाइन को लेकर शिकायत की थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अदालत के फैसले में यह बताया गया है कि भारत जो नई जलविद्युत परियोजनाएं बना रहा है, उनके डिजाइन कैसे होने चाहिए। ये परियोजनाएं भारत पश्चिम की नदियों चेनाब, झेलम और सिंधु पर बना रहा है।
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बयान में उसने कहा, अदालत ने कहा है कि भारत को पश्चिमी नदियों (चेनाब, झेलम और सिंधु) का पानी पाकिस्तान के बिना रोक-टोक इस्तेमाल के लिए बहने देना होगा। भारत अगर इन नदियों पर जलविद्युत परियोजनाएं बनाता है, तो उसे सिर्फ उन्हीं शर्तों के अनुसार छूट मिलेगी, जो सिंधु जल संधि में लिखी गई हैं। भारत अपनी मर्जी से या अपनी पसंद के तरीके से नियम नहीं बना सकता।