
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के अपने निर्वासन प्रयासों का समर्थन करने और लॉस एंजिल्स में प्रदर्शनों को दबाने के लिए नेशनल गार्ड बलों के इस्तेमाल को लेकर सोमवार को ऐतिहासिक मुकदमा शुरू हुआ। यह अमेरिकी सड़कों पर सैनिकों की तैनाती के खिलाफ लंबे समय से चले आ रहे मानदंडों को तोड़ने के फैसले को कानूनी चुनौती है।
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सैन फ्रांसिस्को स्थित अमेरिकी जिला न्यायाधीश चार्ल्स ब्रेयर के समक्ष तीन दिवसीय गैर-जूरी यह तय करेगी कि क्या सरकार ने 19वीं सदी के उस कानून का उल्लंघन किया था, जो जून में ट्रंप द्वारा सैनिकों की तैनाती के समय सेना को नागरिक कानून प्रवर्तन से रोकता है। जैसा कैलिफोर्निया ने कानूनी चुनौती में दावा किया है।
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ब्रेयर ने सोमवार की सुनवाई की शुरुआत में कहा, अदालत को जिस तथ्यात्मक प्रश्न का समाधान करना चाहिए, वह यह है कि क्या घरेलू कानून लागू करने को सेना का इस्तेमाल हुआ था। अगर हां, तो क्या यह खतरा बना है कि ऐसा फिर से किया जा सकता है। प्रशासन इस बात से इन्कार करता है कि सैनिकों का इस्तेमाल नागरिक कानून प्रवर्तन में किया गया था और यह दिखाने की योजना बना रहा कि वे संघीय संपत्ति और अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) एजेंटों की सुरक्षा कर रहे थे।