
सपा से निष्कासित कौशांबी जिले की चायल सीट से विधायक पूजा पाल का भाजपा में शामिल होना या न होना बाद में तय होगा। फिलहाल भाजपा के भीतर पूजा पाल को अपनाकर पाल समाज को पाले में लाने का ताना-बाना बुना जा रहा है।
भाजपा उन्हें विधानसभा चुनाव 2027 में उतारकर पिछड़ी और सपा से पीड़ित महिला के तौर पर पेशकर पाल समाज समेत सभी पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश करेगी।
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में अपना दल (एस), सुभासपा, निषाद पार्टी जैसे जातीय दलों के साथ होने के बाद भी विपक्ष भाजपा का कोर वोट बैंक मानी जाने वाली कुर्मी, पाल, मौर्य समेत अन्य पिछड़ी जातियों में सेंध लगाने में सफल रहा था।
अब सभी दल पंचायत चुनाव 2026 और विस चुनाव 2027 के मद्देनजर पिछड़े व दलित वोट बैंक को साधने में जुट गए हैं। सपा पीडीए के जरिये भाजपा को चुनौती दे ही रही है।