
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ रविवार को आठवें दिन पूर्णिया से शुरू होकर अररिया पहुंची। यात्रा के दौरान उन्होंने न सिर्फ विपक्षी नेताओं के साथ मंच साझा किया, बल्कि केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर भी तीखे हमले किए। अररिया के सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव और भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य जैसे बड़े विपक्षी नेता मौजूद थे। यह मंच आगामी चुनाव से पहले बिहार में विपक्षी दलों की एकजुटता का संकेत माना जा रहा है।
क्या कहा राहुल गांधी ने
प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर युवाओं को रोजगार और विकास से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के युवाओं के लिए सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं और देश का धन चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों के हवाले किया जा रहा है। इसी दौरान राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को बिहार में आकर खुद देखना चाहिए कि किस तरह जीवित लोगों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि यात्रा के दौरान छोटे-छोटे बच्चे तक ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ जैसे नारे लगा रहे हैं, जो इस बात का संकेत है कि चुनावी धांधली को लेकर लोगों में जागरूकता और आक्रोश दोनों बढ़ रहा है।
राहुल गांधी ने जनता से अपील की कि वे अपने मताधिकार को लेकर सजग रहें और किसी भी तरह की चुनावी गड़बड़ी बर्दाश्त न करें। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल राजनीतिक रैलियों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य लोगों को उनके अधिकारों और देश की मौजूदा परिस्थितियों के प्रति जागरूक करना है।