
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैयद अली खामेनेई ने रविवार को अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामनेई ने कहा, अमेरिका तेहरान को आज्ञाकारी बनाना चाहता है, लेकिन हम इस घोर अपमान के खिलाफ डटकर खड़े रहेंगे।
‘झूठी उम्मीदें पालने वालों के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ी रहेगी जनता’
आठवें शिया इमाम, इमाम रजा की शहादत की बरसी पर खामनेई ने कहा, ईरान बहुत आहत है। अमेरिका चाहता है कि ईरान उसका आज्ञाकारी बनकर रहे। ईरानी राष्ट्र इस बड़े अपमान से बहुत आहत है और हमारी जनता, ऐसी झूठी उम्मीदें पालने वालों के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ी रहेगी।
खामनेई ने कहा, ईरान के प्रति अमेरिका की शत्रुता कोई नई बात नहीं है, क्योंकि आईआरएनए के अनुसार, 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से ही विभिन्न अमेरिकी प्रशासनों ने इस्लामी गणराज्य और ईरानी जनता के प्रति शत्रुता, प्रतिबंधों और धमकियों का अपना रुख लगातार बनाए रखा है।
‘अमेरिका से बातचीत की वकालत करने वाले उथली सोच के लोग’
अमेरिका से बातचीत की वकालत करने वालों की आलोचना करते हुए खामनेई ने उन्हें उथली सोच वाला करार दिया। खामनेई ने कहा, पहले इस शत्रुता के कारणों को अक्सर आतंकवाद, मानवाधिकार, महिला मुद्दों और लोकतंत्र जैसे विभिन्न बहानों के तहत छिपाया जाता था। वर्तमान अमेरिकी प्रशासन ने अपना असली उद्देश्य स्पष्ट कर दिया है। उसने कहा है कि ईरान का उसका विरोध इस इच्छा से उत्पन्न हुआ है कि ईरान अमेरिकी मांगों का पालन नहीं करता। खामनेई ने ईरानियों से बढ़ते बाहरी दबावों के बावजूद अपनी एकता बनाए रखने का आह्वान किया है।
खामेनेई ने जोर देकर कहा कि ईरान के दुश्मनों ने यह समझ लिया है कि जनता और सशस्त्र बलों की अडिग एकता और दृढ़ता के कारण न तो ईरानी राष्ट्र और न ही इस्लामी व्यवस्था को युद्ध के माध्यम से कभी झुकाया या नियंत्रित किया जा सकता है।
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