
आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद दिवस को लेकर मार्च में केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना को लेकर बड़ी जानकारी दी है। आयुष मंत्रालय ने कहा कि आयुर्वेद दिवस हर साल 23 सितंबर को ही मनाया जाएगा। इससे पहले आयुर्वेद दिवस धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) को मनाया जाता था, लेकिन इसकी तिथि निश्चित नहीं है। आयुष मंत्रालय ने कहा कि आयुर्वेद दिवस की निश्चित तिथि निर्धारित करने का निर्णय ऐतिहासिक बदलाव है।
केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुर्वेद केवल एक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली नहीं है। यह जीवन का विज्ञान है जो व्यक्ति और पर्यावरण के बीच सामंजस्य के सिद्धांत पर आधारित है। 23 सितंबर को आयुर्वेद दिवस के रूप में घोषित करके भारत ने आयुर्वेद को वैश्विक कैलेंडर में एक पहचान दी है। आयुर्वेद दिवस 2025 का विषय लोगों और ग्रह के लिए आयुर्वेद, वैश्विक कल्याण और एक स्वस्थ ग्रह के लिए आयुर्वेद की पूरी क्षमता का उपयोग करने के हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि 2016 में अपनी स्थापना के बाद से आयुर्वेद दिवस भारत के पारंपरिक ज्ञान का जश्न मनाने वाले एक वैश्विक आंदोलन के रूप में उभरा है। पहला अखिल भारतीय एनएसएसओ सर्वेक्षण बताता है कि आयुर्वेद ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में उपचार की सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली है। 2025 का विषय समग्र स्वास्थ्य और पारिस्थितिक संतुलन को आगे बढ़ाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले आयुर्वेद दिवस पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) दिल्ली के दूसरे चरण का उद्घाटन किया था। आयुर्वेद में चार उत्कृष्टता केंद्रों का शुभारंभ किया था और राष्ट्रव्यापी देश का प्रकृति परीक्षण अभियान की शुरुआत की थी।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दिवस 2025 की परिकल्पना प्राचीन भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली को समकालीन वैश्विक चुनौतियों जैसे जीवनशैली संबंधी विकार, जलवायु से जुड़ी बीमारियों और तनाव प्रबंधन के समाधान के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक कदम के रूप में की गई है।