कुबेरेश्वर धाम में जारी रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान बुधवार को एक और श्रद्धालु की मौत हो गई। मृतक की पहचान अनिल (40) पिता महावीर, निवासी ग्राम खेड़ा कला, दिल्ली के रूप में हुई है। बताया गया कि अनिल को अचानक तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। प्राथमिक जांच में मौत का कारण हार्ट अटैक (हृदय गति रुकना) बताया गया है। जानकारी के मुताबिक, मृतक अस्थमा का मरीज भी था।
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इसके पहले 5 अगस्त को कावंड यात्रा से पहले धक्कामुक्की और भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हो गई थी। इनका नाम जसवंती बेन था जो राजकोट से आईं थी। साथ ही फिरोजाबाद से आईं संगीता गुप्ता भी हादसे का शिकार हो गईं थी। वहीं 6 अगस्त को गुजरात से आए पचास साल के चतुर सिंह, हरियाणा के 65 साल के ईश्वर सिंह यादव और रायपुर से आए 57 वर्षीय दिलीप कुमार की मौत हो गई थी। प्रशासन ने इन तीन मौतों का कारण प्राकृतिक बताया था। सात अगस्त को दो और लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने बताया कि उत्तर प्रदेश से आए 22 वर्षीय उपेंद्र गुप्ता अचानक गिर गए। वहीं दिल्ली से 40 वर्षीय युवक अनिल की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
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पूर्व मंत्री कुसुम महदेले ने दिया बड़ा बयान
इन सभी घटनाओं को लेकर कुबेरेश्वर धाम के इंतजामों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पूर्व मंत्री कुसुम मेहदेले ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा के आयोजन पर सवाल खड़े किए हैं। महदेले ने पंडित मिश्रा से साफ तौर पर अपील की है कि वे रुद्राक्ष बांटना बंद करें। उन्होंने लिखा कि आयोजन में हो रही भीड़ और अव्यवस्था लगातार जानलेवा साबित हो रही है। ऐसे में आयोजनों पर रोक लगाई जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने मध्यप्रदेश शासन से भी मांग की कि रुद्राक्ष वितरण पर तत्काल अंकुश लगाया जाएं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित किया जाए। साथ ही कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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