
रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए जाने वाले जुर्माने को लेकर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बुधवार को ट्रंप ने घोषणा की थी कि एक अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा। साथ ही उन्होंने अतिरिक्त जुर्माना लगाने की भी बात कही थी, जिसकी जानकारी नहीं दी गई थी। हालांकि व्हाइट हाउस की ओर से जारी कार्यकारी आदेश के अनुसार यह टैरिफ अब सात अगस्त से लागू होगा। लेकिन इस आदेश में जुर्माने के बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया है।
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सूत्रों ने कहा, हम इस मुद्दे पर असमंजस में हैं क्योंकि आदेश में जुर्माने का कोई जिक्र नहीं है। इस टैरिफ और जुर्माने को भारत पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, ताकि वह अमेरिका की मांगों को स्वीकार करे। हाल ही में अमेरिका ने जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ जैसे अपने बड़े व्यापारिक साझेदारों के साथ फायदे वाले समझौते किए हैं।
भारत पहला देश है, जिसे रूस से आयात करने के लिए इस तरह की सजा दी जा रही है। इससे पहले ट्रंप ने चीन पर भी भारी टैरिफ लगाए थे, लेकिन चीन पर कभी कोई जुर्माना नहीं लगाया गया। जबकि चीन रूस का सबसे बड़ा तेल आयातक है। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत का रूस से तेल आयात कुल आयात का केवल 0.2 फीसदी था, लेकिन अब यह बढ़कर 35-40 फीसदी तक पहुंच गया है। चीन के बाद भारत, रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है।
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ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि भारत ने हमेशा से रूस से भारी मात्रा में सैन्य उपकरण और ऊर्जा उत्पाद खरीदे हैं, जबकि पूरी दुनिया चाहती है कि रूस यूक्रेन में हो रही हत्याओं को रोके। रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत अपना अधिकांश तेल इराक और सऊदी अरब जैसे पश्चिम एशिया के देशों से खरीदता था। लेकिन फरवरी 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो भारत ने बड़ी मात्रा में रूस से सस्ता तेल खरीदना शुरू किया। यही बात अब अमेरिका को परेशान कर रही है।