
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को हुई महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय की मांग तेज हो गई है। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने शुक्रवार रात कोलकाता में विरोध रैली निकाली। बता दें कि 31 साल की पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनिंग कर रही डॉक्टर अपनी नाइट ड्यूटी के दौरान कॉलेज के सेमिनार रूम में मृत पाई गई थीं। इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा और आक्रोश फैला दिया था।
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पीड़िता के पिता की दिल्ली में गुहार
पीड़िता के पिता बुधवार को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी बेटी के लिए जल्द न्याय चाहिए, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी सच्चाई सामने नहीं आई। उनका आरोप है कि कोलकाता पुलिस और सीबीआई ने मामले की सही जांच नहीं की, और पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव इस अपराध में शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम दिल्ली उम्मीद लेकर आए हैं। एक साल हो गया, लेकिन न्याय नहीं मिला। हम सीबीआई डायरेक्टर से मिलने की कोशिश करेंगे और अगर गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई तो उनसे सीबीआई पर दबाव डालने की मांग करेंगे। सीबीआई और पुलिस ने लोगों को गलत कहानी सुनाई है। हमारा संघर्ष समाज में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाने का है।’
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप
पीड़िता के पिता ने पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि वह सत्ता में बने रहने के लिए पैसे और वोट का इस्तेमाल कर रही है, जनता की चिंता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इस मामले में सबूत नष्ट करने में कई लोग शामिल हैं, लेकिन सीबीआई कार्रवाई नहीं कर रही।
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अब तक कहां पहुंची जांच?
शुरुआत में मामले की जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर असंतोष जताते हुए केस को सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, लेकिन पीड़िता के परिवार का कहना है कि अभी भी मुख्य आरोपी और सबूत नष्ट करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई है।