
'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- प्रफुल्लित, जिसका अर्थ है- खिला हुआ, विकसित, जिसमें फूल लगे हों, प्रसन्न। प्रस्तुत है सियाराम शरण गुप्त की कविता- माली के प्रतिमाली! देखो तो तुमने यह
कैसा वृक्ष लगाया है!
कितना समय हो गया, इसमें
नहीं फूल भी आया है!निकल गये कितने वसंत हैं,
बरसातें भी बीत गईं;
किंतु प्रफुल्लित इसे किसी ने
अब तक नहीं बनाया है!साथ छोड़ती जाती है सब
शाखा आदि रुखाई से।
शुष्क हुए पत्तों को इसने
इधर-उधर छितराया है।अतुल तुम्हारे इस उपवन की
इससे भी कुछ शोभा है?
क्या निज कौशल दिखलाने को
इसे यहाँ उपजाया है।अरे, काट ही डालो इसको
अथवा हरा भरा कर दो,
कहें सभी आहा! तुमने वह
कैसा वृक्ष लगाया है!
6 घंटे पहले