चंडीगढ़(दैनिक हरियाणा)। प्रदेश में तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद भाजपा सरकार एक्शन में है। सरकार ने फर्जी बने गरीबों के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में 51 लाख 96 हजार 380 परिवार BPL कैटेगरी में हैं। ऐसे में चुनाव के बाद सरकार ने फर्जी गरीबों के खिलाफ अभियान चलाया है।
अभियान के तहत सरकार ने चेतावनी दी है कि जिन अयोग्य लोगों ने फर्जी बीपीएल राशन कार्ड बनवाए है वे कटवा लें नहीं तो सरकार उनके खिलाफ एक्शन लेगी। जिसके तहत तीन साल की कैद का भी प्रावधान है।
हरियाणा सरकार ने मार्च महीने में प्रदेश के 1609 परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे (BPL) की कैटेगरी से बाहर कर दिया गया है। सरकार द्वारा मोबाइल पर एसएमएस भी भेजे जा रहे हैं तथा चेतावनी दी है कि खुद ही BPL श्रेणी छोड़ दें। इसके बाद सरकार ने पकड़ लिए तो उन्हें बाहर करने के साथ उन पर धोखाधड़ी का केस भी दर्ज कराया जाएगा। ऐसे लोगों पर भारतीय न्यास संहिता (BNS) की धारा 318 के तहत कार्रवाई होगी। जिसमें उन्हें 3 साल तक कैद हो सकती है।
दरअसल, विधानसभा में कांग्रेस ने फर्जी BPLपरिवारों का मुद्दा उठाया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। प्रदेश में अभी 51 लाख 96 हजार 380 परिवार BPL कैटेगरी में हैं।
सबसे ज्यादा 2924 सोनीपत से बाहर हुए
सरकार द्वारा चेतावनी दिये जाने के बाद एक्शन लेना शुरू कर दिया हे। पिछले मार्च महीने में हरियाणा में सरकार ने 1609 परिवारों को BPL कैटेगरी से हटाया है, उनमें सबसे ज्यादा 294 परिवार सोनीपत जिले के हैं। दूसरे नंबर पर कुरुक्षेत्र हैं जहां के 175 परिवार तथा तीसरे नंबर पर हिसार है जहां के 145 फर्जी BPL परिवारों को लिस्ट से हटाया गया है।
BPL कार्ड बनाने के लिए ऐसे गड़बड़ी की गई
- गलत आय दिखाई: हरियाणा में BPL फैमिली का लाभ उसी परिवार को मिलता है, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख से कम हो। सरकार को शक है कि इससे ज्यादा इंकम होने के बावजूद परिवारों ने कम इंकम भरी। जिसके बाद यह कार्ड बनवा लिया।
- परिवार का बंटवारा दिखाकर : सरकार को यह भी शक है कि कई परिवारों की फैमिली इंकम 1.80 लाख से ज्यादा है। मगर, BPL कार्ड के लिए परिवार का फर्जी बंटवारा कर लिया। अब वे कागजों में अलग अलग रह रहे हैं लेकिन वास्तविकता में संयुक्त परिवार में रहते हैं।
सरकार ने दिया 20 अप्रैल तक का अल्टीमेटम
इस संबंध में हरियाणा सरकार की तरफ से बीपीएल परिवारों को मैसेज किए जा रहे हैं। जिसमें उन्हें 20 अप्रैल तक अल्टीमेटम दिया गया है। इसमें कहा गया है कि वे खुद ही फैमिली ID में अपना सही विवरण दर्ज कराएं और BPL श्रेणी से बाहर चले जाएं, अन्यथा इससे लिए लाभ की वसूली के साथ उन पर कानूनी कार्रवाई भी होगी।