पूज्य बापू जी की पावन स्मृति में रक्तदान शिविर का आयोजन
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सिरसा। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पूजनीय पिता बापू नंबरदार मग्घर सिंह जी की पावन स्मृति में रविवार को शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल स्थित बापू मग्घर सिंह जी इंटरनेशनल ब्लड सेंटर में रक्तदान शिविर लगाया गयाा। जिसका शुभारंभ पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने आॅनलाइन रिबन जोड़कर किया।

इस दौरान पूज्य गुरु जी ने रक्तदान करने वाले रक्तदाताओं, अस्पताल व ब्लड सेंटर के चिकित्सकों व स्टाफ सदस्यों को अपना आशीर्वाद दिया। रक्तदान को लेकर डेरा सच्चा सौदा के रक्तदानियों में खासा उत्साह देखा गया तथा रक्तदान करने को लेकर ब्लड सेंटर के बाहर दिनभर रक्तदानियों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही। वहीं महिला व पुरुषों रक्तदाताओं के लिए ब्लड सेंटर में अलग-अलग व्यवस्था बनाई गई थी। रक्तदान करने के पश्चात सभी रक्तदाताओं को ब्लड सेंटर की ओर से रिफ्रेशमेंट, मेडल व प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।


बता दें कि पूज्य बापू नंबरदार मग्घर सिंह जी 5 अक्टूबर 2004 को समाज कल्याण के अनेक कार्य करते हुए सचखंड जा विराजे थे। डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत उनकी पुण्यतिथि को हर साल परमार्थी दिवस के रूप में मानवता भलाई के अनेक कार्य कर मनाती है।

2004 से ही साध-संगत 5 अक्टूबर को बापू जी की पुण्यतिथि पर हर साल रक्तदान शिविर भी लगाती है, जिसमें अब तक लाखों यूनिट रक्तदान हो चुका है। बापू जी की याद में 10 अक्टूबर 2004 को पूज्य गुरु जी की पावन जन्मस्थली श्री गुरुसर मोडिया में विशाल रक्तदान शिविर लगाया गया,जिसमें 17921 यूनिट रक्तदान हुआ था। यह गिनीज बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज है।

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40 की उम्र 92वीं बार किया रक्तदान
पंजाब के मुक्तसर निवासी 40 वर्षीय कुलदीप सिंह इन्सां ने रविवार को 92 वीं बार रक्तदान किया। उन्होंने बताया कि पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए 2004 में पहली बार श्री गुरुसर मोडिया में आयोजित बापू जी की याद में आयोजित रक्तदान शिविर में रक्तदान किया था। उसके पश्चात हर तीन महीने बाद वह रक्तदान जरूर करता है।

उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु जी की शिक्षा है कि एक व्यक्ति रक्तदान करके तीन व्यक्तियों को जीवन दे सकता है, इसलिए वह रक्तदान कर रहा है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि रक्तदान जरूर करें, रक्तदान करने से शरीर में कोई कमी नहीं आती, बल्कि शरीर पहले से तंदुरुस्त होता है।

फतेहाबाद से पहुंचे नवविवाहित दंपति ने किया रक्तदान
रक्तदान करने के लिए फतेहाबाद से नवविवाहित दंपति दीक्षा इन्सां व हर्ष इन्सां रक्तदान करने पहुंचे। दोनों ने कहा कि वह रक्तदान करके अपने आप को काफी अच्छा महसूस कर रहे है। दोनों ने पूज्य गुरु जी के शुभ आगमन और पूज्य बापू जी की पावन स्मृति में रक्तदान किया है। दीक्षा इन्सां ने अपने पति हर्ष इन्सां के साथ रविवार को तीसरी बार रक्तदान किया है।

जबकि हर्ष इन्सां ने 21वीं बार रक्तदान किया। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु जी ने हमें सिखाया है कि समय-समय पर रक्तदान सहित जरूरतमंद लोगों की मदद करते रहना चाहिए। दीक्षा इन्सां ने महिलाओं को रक्तदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि महिलाओं को भी रक्तदान जरूर करना चाहिए। रक्तदान करने से डरना नहीं चाहिए। रक्तदान करने से भविष्य में होने वाली विभिन्न बीमारियों से बचा जा सकता है। पूज्य गुरु जी ने हमे हमेशा दूसरों की मदद करने की शिक्षा दी है।

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रक्तदान करने से बढ़ी एचबी की मात्रा
जिला संगरूर, ब्लॉक मूनक निवासी रीतू इन्सां ने रविवार को तीसरी बार रक्तदान किया। रीतू इन्सां ने कहा कि रक्तदान करने से पहले उसका रक्त बहुत कम रहता था। लेकिन जब उसने पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए रक्तदान किया है,उसका शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ी है। अब उसका एचबी 12 से 13 ग्राम रह रहा है। रक्तदान करके उसे बहुत खुशी हो रही है। सभी को रक्तदान जरूर करना चाहिए। आम लोगों को पूज्य गुरु जी जुड़कर रक्तदान सहित डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे 167 मानवता भलाई कार्यों में जरूर भाग लेना चाहिए।

48 की उम्र 71 बार किया रक्तदान
ब्लॉक कल्याण नगर निवासी रमेश इन्सां ने 71 वीं बार रक्तदान किया। रमेश इन्सां ने बताया कि उसने पहली बार 2002 में रक्तदान किया था। उसके बाद लगातार रक्तदान कर रहा है। रक्तदान करने से शरीर में अलग तरीके से फूर्ति आती है और शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है। रमेश इन्सां ने कहा कि पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं पर चलते हुए डेंगू के सीजन में 10 से अधिक बार उन्होंने मरीजों के लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट्स यानी एसडीपी भी डोनेट की है। सभी को रक्तदान जरूर करना चाहिए। कुछ ही समय बाद रक्त की पूर्ति हो जाती है।
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