Dainik Haryana, सिरसा: मंडियों में गेहूं तथा सरसों की उठान प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। इस कारण मंडियों में जाम की स्थिति बनी हुई है। इसका असर किसानों व आढ़तियों की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ रहा है क्योंकि उठान न होने पर किसानों के खातों में फसल का पैसा नहीं आ रहा है।
इस वजह से किसानों व आढ़तियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। यह बात आढ़ती एसोसिएशन सिरसा के प्रधान मनोहर मेहता ने शनिवार को आढ़ती एसोसिएशन की बैठक में उपस्थित आढ़तियों को संबोधित करते हुए कही। एसोसिएशन के कार्यालय में हुई बैठक में प्रधान मनोहर मेहता के साथ उपप्रधान प्रेम बजाज, सचिव दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष कुणाल जैन, सह सचिव महावीर शर्मा, सुशील कस्वां, दीपक नड्डा, सुशील रहेजा, कृष्ण गोयल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
प्रधान ने कहा कि नियमानुसार जब किसान अपनी फसल बेच देता है और मंडी से संबंधित खरीद एजेंसी खरीदी गई फसल को उठाकर गोदाम में रखवा देती है, उसके बाद ही किसान को उसकी फसल का पैसा मिलता है।
यदि मंडी में फसल बोरियों में पड़ी रही तो किसान के खाते में पैसे नहीं आएंगे। प्रधान ने कहा कि किसान व आढ़ती सरकार की खरीद प्रक्रिया का पालन करते हुए ही गेहूं व सरसों की फसल बेच रहे हैं, मगर ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा किसानों व आढ़तियों को भुगतना पड़ रहा है।
प्रधान मनोहर मेहता ने कहा कि पिछले कई दिनों से मौसम बदल रहा है। बारिश व ओलावृष्टि हो रही है। उन्होंने कहा कि किसान से खरीदी गई फसल का जब तक उठान नहीं हो जाता, तब तक उसकी जिम्मेदारी आढ़ती की होती है। सिरसा मंडी पूरी तरह से बोरियों से अटी हुई है। यदि बारिश हो गई तो गेहूं भीग जाएगा जिसका नुकसान आढ़तियों को होगा।