पंडित होशियारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि देने उमड़ा सिरसा

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सिरसा। जगत में ऐसे विरले ऐतिहासिक उदाहरण मिलते हैं जब दैहिक रूप से बिछुड़ी आत्मा को उसके सामाजिक संस्कारों, सरोकारों के बूते सदैव जीवंत महसूस किया जाता है और ऐसे ही कर्मयोगी पंडित होशियारीलाल शर्मा के रूप में हुतात्मा हमारे बीच दैहिक रूप में न होते हुए भी अपने उच्च मानवीय संवेदनाओं के मानदंडों के आधार पर वैचारिक व सैद्धांतिक तौर पर विद्यमान हैं।

पंडित होशियारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि देने उमड़ा सिरसा
पंडित होशियारी लाल शर्मा को श्रद्धांजलि देने उमड़ा सिरसा

उनके संस्कारों की बेल से केवल और केवल शर्मा परिवार ही सिंचित नहीं हो रहा बल्कि समाज का हर व्यक्ति उनके मानवीय पहलुओं से प्रेरित हो रहा है।

प्रत्येक प्राणी को नेकी, आत्मीयता, परपीड़ा को महसूस कर हरसंभव मदद के लिए तत्पर रहने और समूचे समाज को अपना परिवार मानने वाले जैसे गुणों से युक्त रहे स्व. पंडित होशियारीलाल आज भी अपने विचारों के तेज के आधार पर समाज के हर वर्ग को प्रेरित करने वाली हस्ती के रूप में देखे जाते हैं और यही कारण है कि आज उनकी तीसरी पुण्यतिथि पर समूल सिरसा जिला उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने सिरसा अनाजमंडी उमड़ पड़ा।

शहर व ग्रामीणांचल से आए हजारों लोगों ने स्व. पंडित होशियारीलाल शर्मा की प्रतिमा पर नम आंखों से पुष्पांजलि अर्पित की और उन द्वारा
समाजोपयोगी कार्यों को प्रमुखता से याद किया।

हर खासोआम ने हवन यज्ञ में डाली आहुतियां
स्व. पंडित होशियारी लाल शर्मा की तृतीय पुण्यतिथि पर उनके निमित्त शर्मा परिवार की ओर से किए गए सामाजिक सद्भाव के कार्यक्रम में सिरसा अनाजमंडी में सुबह 9 बजे हवन यज्ञ आयोजित किया गया जिसमें शर्मा परिवार के साथ-साथ समाज के हर सामान्य से लेकर गणमान्यजनों ने पंडित होशियारीलाल शर्मा की आत्मिक शांति को आधार बनाकर हवन में आहुतियां डाली।

इस दौरान हजारों लोगों ने पंडित होशियारीलाल शर्मा के बड़े सुपुत्र राजकुमार शर्मा, उनके अनुज राजेश शर्मा, उनके पौत्र मोहित शर्मा को दोनों हाथों से आशीर्वाद दिया। किसी पितातुल्य बुजुर्ग ने बेटों की तरह तो समान आयु के लोगों ने उन्हें भाईयों की मानिंद व छोटों ने बड़ों के अभिनंदन के रूप में शर्मा परिवार को अपनी ओर से किसी भी स्थिति में पूरी तरह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होने का आश्वासन दिया।

शर्मा परिवार ने भी हजारों लोगों का उनके पिता व दादा के प्रति दिखाए गए अनन्य वात्सल्य, सम्मान व आत्मीयता के लिए आभार जताया। उसके बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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संस्कारों की बेल को विकसित कर रहा शर्मा परिवार पंडित होशियारीलाल शर्मा की राजनीतिक डगर पर उपजी परहित के लिए समर्पित भाव से कार्य करने की प्रेरणाओं की बेल को अब उनके सुपुत्र राजकुमार शर्मा, राजेश शर्मा व पौत्र मोहित शर्मा बेहतर तरीके से सिंचित कर रहे हैं।

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उन्हीं परंपराओं के अनुसरण के कारण ही आज सिरसा विधानसभा क्षेत्र के तहत आते सभी गांव व वार्डों के लोगों का परस्पर प्रेम पहले की मानिंद ही यथावत है।

लोगों में दादा के नाम से प्रचारित पंडित होशियारीलाल शर्मा के प्रति सम्मान व स्नेह शर्मा परिवार के प्रति आज भी यूं ही नजर आया जब हजारों लोगों ने इस कार्यक्रम में शामिल इस परिवार के प्रत्येक सदस्य को अपना भरपूर आशीर्वाद दिया।

अपार लोगों से मिले इस आशीर्वाद से भावुक हुए राजकुमार शर्मा ने कहा कि बेशक बाबूजी शारीरिक रूप में हमारे बीच नहीं है मगर हजारों लोगों से मिले प्यार व समर्थन से ये कतई नहीं कहा जा सकता कि बाबूजी की कमी है।

उनके साथ रहे बुजुर्गों के आशीर्वाद से आज भी वही ताकत व ऊर्जा महसूस हो रही है जो पूर्ववत थी। राजकुमार शर्मा ने कहा कि वे अपने परिजनों के साथ पिता द्वारा दिखाए सत्यमार्ग, सदाचार व नेकनियती के मार्ग का अनुसरण करते हुए आज भी हर पल सामाजिक सेवाओं को समर्पित हैं।

पंडित होशियारीलाल शर्मा के पौत्र मोहित शर्मा कहते हैं कि उनके दादा पंडित होशियारी लाल शर्मा कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी ऐसे अनूठे स्तंभ थे जिन्होंने सदैव निष्काम भाव से काम किया। उन्हें मिली प्रेरणाओं को वे बेहतर तरीके से संजोए हुए हैं और उन्हीं के दिखाए मार्ग पर चलकर जनहित को अपने जीवन की प्राथमिकता बनाए हुए हैं।

पैदा हुई जाम की स्थिति
स्व. पंडित होशियारीलाल शर्मा की तीसरी पुण्यातिथि पर उन्हें अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने आए जिलेभर से हजारों लोगों के आवागमन से अनाजमंडी के साथ-साथ जनता भवन रोड तक भी जाम की स्थिति पैदा हो गई। लोगों की रिकॉर्ड संख्या ने पुण्यतिथि कार्यक्रम में अनाजमंडी में स्व. होशियारीलाल शर्मा अमर रहें से जयघोष किया।

जाम की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला यातायात पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जिला यातायात पुलिस ने जिले के दूर दराज के गांवों से आए लोगों के वाहनों के काफिले को अन्य रास्तों से डायवर्ट करना पड़ा।

हर परिवार से थी स्व. होशियारीलाल शर्मा की आत्मीयता
श्रद्धांजलि सभा में आए अधिकांश लोगों का कहना था कि स्व. पंडित होशियारीलाल शर्मा के गुणों को शब्दबद्ध नहीं किया जा सकता क्योंकि उनके रिश्तों की गर्माहट को कोई आकार नहीं दिया जा सकता। इसके पीछे उनके प्रत्येक परिवार से आत्मीयता का नाता था।

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सामाजिकता के साथ-साथ राजनीतिक मंच से भी वे जिस प्रकार आमजन की समस्याओं का समाधान प्रखरता व प्रमुखता से करवाते थे, वही शैली आज भी शर्मा परिवार का प्रत्येक सदस्य अपनाए हुए है जो बेजोड़ है।

सैकड़ों लोगों ने कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट कहा कि पंडित होशियारीलाल शर्मा के सुपुत्र राजकुमार शर्मा, राजेश शर्मा व पौत्र मोहित शर्मा जिस प्रकार सुख दुख में साथ रहते हैं, उससे कभी भी ये आभास नहीं होता कि पंडित जी आज हमारे बीच नहीं हैं।

शहर के विकास व भ्रष्टाचार के खिलाफ शर्मा परिवार आज एक बुलंद आवाज है और सिरसावासियों को भविष्य में भी ऐसी ही सशक्त आवाज की दरकार है जो उनके निजी व सामाजिक जीवन को महत्ता देकर उन्हें उत्कर्ष की ओर ले जाए।

कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों लोगों ने उस मंजर का भी जिक्र किया जिसमें पंडित होशियारी लाल शर्मा को एकाएक शारीरिक संताप के कारण निजी अस्पताल में उनके पुत्रों द्वारा ले जाया गया मगर प्रभु ने इस पवित्र आत्मा को अपने चरणों में स्थान दिया।

पंडित जी को विरासत में मिले थे नेक संस्कार
पंडित होशियारी लाल शर्मा का जन्म 4 अप्रेल 1947 को पंडित जीवनराम पुजारी के घर हुआ। पंडित होशियारी लाल शर्मा को अपने पिता से विरासत में ही संस्कार, सहनशीलता, धैर्य, कर्मनिष्ठा, लगन, ईमानदारी जैसे गुण मिले। बंसीवट मंदिर आजादी से पहले कांग्रेस की गतिविधियों और जंग-ए-आजादी का एक अहम केंद्र था।

महात्मा गांधी के स्वदेशी अपनाओ आंदोलन के दौरान पंडित जीवनराम पुजारी ने बंसीवट मंदिर में राधा-कृष्ण की मूर्तियों से विदेशी वस्त्र हटाकर उन्हें जला दिया और खादी के वस्त्र धारण करवाए। पंडित जीवनराम छुआछूत और जात पात जैसी रूढि़वादी परंपराओं के सख्त खिलाफ थे।

आजादी से पहले उन्होंने बंसीवट मंदिर में एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें दलितों एवं स्वर्णों को सामूहिक भोजन करवाया।

उस जमाने में जीवनराम पुजारी को समाज के अनेक तबकों का विरोध सहना पड़ा, लेकिन उन्होंने इन सबकी परवाह नहीं की।

अपने पिता की इस तरह की विचारधारा की झलक पंडित होशियारी लाल में भी नजर आती थी। 1968 में भिवानी के रामस्वरूप शर्मा की बेटी बिमला देवी के साथ पंडित होशियारी लाल शर्मा का विवाह हुआ। रामस्वरूप शर्मा 25 बरस तक भिवानी नगरपालिका के प्रधान रहे। पंडित होशियारी लाल शर्मा ने 2019 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा।

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सीधे तौर पर संक्षेप में कहा जाए कि पंडित होशियारीलाल शर्मा कांग्रेस के एक वे सिपाही थे जिन्होंने कभी इस पार्टी की विचारधारा को कुंद नहीं पडऩे दिया। उसी विचारधारा की लौ को अब शर्मा परिवार जलाए हुए है और संकल्प के साथ उसकी रोशनी में समाज को विकास की डगर पर ले जाया जा रहा है।

ये लोग रहे मौजूद

विधायक शीशपाल केहरवाला, पूर्व ओएसडी डा. केवी सिंह, पूर्व सांसद डा. सुशील इंदौरा, पूर्व विधायक बलवान दौलपुरिया, पूर्व सीपीएस प्रह्लाद सिंह गिल्लांखेड़ा, अमीर चावला, वीरभान मैहता, राजन मैहता, नवीन केडिया, संदीप नेहरा, आनंद बियानी, सुभाष जोधपुरिया, सुमित बैनीवाल, राहुल सेतिया, रतन गेदर, गोपीराम चाडीवाल, प्रेम शर्मा, बलङ्क्षवद्र नेहरा, जसवंत कस्वां, हीरालाल शर्मा, वीरभान सेठी, आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान मनोहर मेहता, अनिल सर्राफ, गोपाल सर्राफ, गंगाराम बजाज, बाबूलाल फुटेला, प्रकाश बठला, हरभजन डाबर, गुरदयाल मेहता, प्रदीप सैनी, मनमोहन मिढा, कैलाश कानूनगो, सुरजीत कलेरा सरपंच नेजिया, वेद शर्मा सरपंच चाडीवाल, सत्यप्रकाश सरपंच नायारणखेड़ा, प्रवण पूर्व सरपंच कुक्कड़थाना, सज्जन पूर्व सरपंच मोचीवाली, राकेश पूर्व सरपंच नटार, हुकम चंद पूर्व सरपंच केलनिया, संतलाल पूर्व सरपंच नेजिया, मास्टर राजकुमार वर्मा, बृजलाल सैनी, सुखदेव बाजीगर, देवेंद्र, कौशलया वर्मा, राजू एम.सी., रणधीर धीरा, लीलूराम पूर्व सरपंच बेगू, चंदभान पूर्व सरपंच बेगू, देवेंद्र सेठी पूर्व सरपंच बेगू, सतपाल गोदारा शेरपुरा, सुनील कड़वासरा, बहादुर सिंह पूर्व सरपंच मोडियाखेड़ा, रामानंद सरपंच, सुरजीत भावदीन, लादूराम पुनिया, राजकरण भाटिया, ओम डाबर, सुभाष मिढा, संजय गोयल, अश्विनी बंसल, सुरजीत सोनी, केदारा पाहवा, अनिल जैन, पप्पू आरेवाला, मांगेराम कैरांवाली, मांगेराम नहराणा, छोटू राम हुड्डा, ओम सैनी पूर्व सरपंच, सुनील मोर्या, राखी मोर्या, जस्सा राम पूर्व सरपंच चौबुर्जा, मांगेराम रोडवेज, रामदास बजाज, संजय चांवरिया, प्रवीण शर्मा, कुलवंत कौर, राजरानी जिंदल, कर्मवीर बेगू, प्रकाश बेगू, दलीप नेजिया, ओम खिचड़, मुकेश खिचड़, नरेश खिचड़, सुरेंद्र, पूर्ण खुराना, अमित गाबा, प्रेम बजाज, सरदार कमलजीत सिंह, चंद्रशेखर सोनी, अशोक चिंडालिया, सुशील झूंथरा, शशिकांत रोहिला, सोमप्रकाश चावला, नरेश बिंदल, कृष्ण टोकसिया, सुधीर हुड्डा, डा. आजाद केलनिया, डा. वाईके चौधरी, श्याम लाल वर्मा, केहर सिंह कंबोज सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।