सिरसा। विधानसभा चुनाव से पहले सियासत में उठा पटक का दौर जारी है। आया राम गया राम की राजनीति खूब जोरों पर है। इसी क्रम में मंगलवार को युवा नेता गोकुल सेतिया ने कांग्रेस ज्वाइन की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष उदयभान व कांग्रेस नेता अजय माकन की अगुवाई में गोकुल ने कांग्रेस ज्वाइन की।
गोकुल सेतिया ने पिछले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया था। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हुए गोकुल सेतिया को हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा से महज 603 वोट कम मिले थे और गोपाल कांडा विधायक चुने गए थे।
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर गोकुल को इनेलो का समर्थन था हालांकि अब कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद इनेलो की उनसे दूरियां होनी तय है। उधर गोकुल सेतिया संभवत सिरसा विधानसभा से कांग्रेस की टिकट मिलने का भरोसा मिलने के बाद ही पार्टी में शामिल हुए हैं।
अगर ऐसा है तो जो कांग्रेसी नेता पिछले पांच सालों से मेहनत कर रहे थे और जिन्होंने लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर कुमारी सैलजा को सांसद बनाया, अब वे टिकट से वंचित हो जाएंगे, ऐसे में उनके पास शांत होकर घर बैठने के अलावा कोई चारा नहीं है। अगर कांग्रेसी दिग्गज घर भी बैठते हैं तो उसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशी ही भुगतेगा।
पुराना कांग्रेसी है सेतिया परिवार, नाना रहे हैं सिरसा से छह बार विधायक
गोकुल सेतिया का परिवार पुराना कांग्रेसी है। उनके नाना लक्ष्मण दास अरोड़ा सिरसा लोकसभा सीट से छह बार विधायक रह चुके हैं तथा उद्योगमंत्री जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं। गोकुल सेतिया की मां सुनीता सेतिया भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी है हालांकि वे बाद में भाजपा में चली गई थी।
2019 में हुए चुनाव में गोकुल सेतिया निर्दलीय लड़े थे और दूसरे स्थान पर रहे थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद गोकुल सेतिया के समर्थक उत्साहित है। वहीं गोकुल सेतिया को टिकट के चाहवान कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।