
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय रोजगार महाकुंभ का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जब कोरोना की लहर आई थी तब करीब 40 लाख मजदूर प्रदेश वापस लौटे थे। हमने एक जिला एक उत्पाद के माध्यम से उन सभी को काम देने शुरू किया। 2017 से पहले रोजगार के लिए प्रदेश के गांव के गांव पलायन करते थे पर अब लोगों को प्रदेश में ही रोजगार मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया है। वोकल फार लोकल का नारा दिया है। आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की मदद से ही आत्मनिर्भर भारत बन सकता है। यही कारण है कि वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत लाखों लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। कार्यक्रम में उन्होंने युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए।
श्रम मंत्री बोले- योगी सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए संकल्पित
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि यूपी में आजादी के बाद 2017 तक जितने कारखाने रजिस्टर नहीं हुए उससे कहीं ज्यादा 2017 के बाद सीएम योगी के शासनकाल में पंजीकृत हुए हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए संकल्पित है।
महाकुंभ में देश की बहुचर्चित कंपनियों में करीब 50 हजार युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य है। आठवीं पास से परास्नातक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग तक की शैक्षिक योग्यता रखने वाले युवा इस अवसर का लाभ ले सकते हैं। सेवायोजन विभाग की निदेशक नेहा प्रकाश ने बताया कि देश-विदेश की 100 से अधिक नामी कंपनियों के प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेंगे। रोजगार महाकुंभ में तीन मंचों के माध्यम से युवाओं को उनकी योग्यतानुसार, शहर व प्रदेश के साथ ही विदेशों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। रोजगार कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों के साथ युवाओं की सीधी बातचीत होगी। कंपनियां ऑन-स्पॉट इंटरव्यू और प्लेसमेंट ड्राइव करेंगी। प्रदर्शनी के माध्यम से युवाओं को प्रदेश की प्रगति, नई औद्योगिक नीतियों और कौशल विकास मॉडल की झलक मिलेगी।