
चुनाव आयोग ने सोमवार को कांग्रेस और उनके वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ संबंधी आरोपों को पूरी तरह ‘तथ्यों से गलत’ बताया। ये आरोप राहुल गांधी और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक की तरफ से बिहार में मतदाता सूची संशोधन को लेकर की गई विरोध मार्च के दौरान लगाए गए थे।
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‘फैक्ट चेक’ के साथ जारी किए दस्तावेज
चुनाव आयोग ने एक ‘फैक्ट चेक’ जारी करते हुए कहा कि बिहार में विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ हुई है। आयोग ने अपने दावे के समर्थन में कई दस्तावेज साझा किए, जिनमें राजनीतिक दलों- जैसे आरजेडी, कांग्रेस और सीपीआई- के प्रतिनिधियों के वीडियो बयान भी शामिल हैं।
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‘शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है’
निर्वाचन आयोग ने बताया कि उसने मसौदा मतदाता सूची जारी होने से पहले, जारी होने के दिन और उसके बाद भी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बैठकें कीं। आयोग का कहना है कि वह मैदानी स्तर पर एसआईआर प्रक्रिया में ‘उच्चतम स्तर की पारदर्शिता’ बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनाव आयोग ने कहा, ‘शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है।’ इसके साथ ही आयोग ने मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद से अब तक जारी अपनी डेली बुलेटिन का लिंक भी साझा किया।
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इंडिया गठबंधन ने निकाला विरोध मार्च
बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से चुनाव आयोग कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारी विपक्षी सांसदों को रोकने के लिए परिवहन भवन में पुलिस बैरिकेड्स लगा दिए। यहां उन्हें चुनाव आयोग मुख्यालय की ओर आगे बढ़ने से रोक दिया गया। पुलिस का कहना था कि विपक्षी सांसदों की ओर से इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी।