
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अक्तूबर 2019 में भारत को टैरिफ किंग करार दिया, जो अपने सामानों पर बहुत ज्यादा शुल्क वसूलता है। सितंबर 2024 में भारत को टैरिफ का दुरुपयोग करने वाला बताया। ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद व्हाइट हाउस ने 7 अगस्त से भारत पर प्रभावी 25% टैरिफ का आदेश जारी किया। फिर रूसी तेल खरीदने के कारण 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे टैरिफ बढ़कर 50% पर पहुंच गया। हालांकि यह 27 अगस्त से लागू होगा।
इन शुल्क का क्या हो सकता है असर?
समुद्री खाद्य निर्यातक योगेश गुप्ता का मानना है कि अमेरिकी बाजार में भारत की झींगा मछली महंगी हो जाएगी। भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ इसे कपड़ा उद्योग के लिए बड़ा झटका मान रहा है। इसके संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि अमेरिका में भारतीय सामान महंगा हो जाएगा। इससे भारत से होने वाले निर्यात में 40-50% की कमी आने के आसार हैं। भारतीय निर्यात संगठनों का महासंघ (फियो) का मानना है कि इसका असर अमेरिका को होने वाले भारत के 55 प्रतिशत निर्यात पर पड़ेगा।
ये भी पढ़ें: आरबीआई का सर्वे: परिवारों को महंगाई और घटने की उम्मीद, कम ब्याज दर से उपभोक्ता भरोसे में सुधार
व्यापारिक प्रतिस्पर्धियों पर क्या शुल्क लगेंगे?
नए शुल्क के बाद ब्राजील के साथ-साथ भारत पर सबसे ज्यादा 50% टैरिफ लागू होगा। ये भारत के प्रतिस्पर्धी देशों को अमेरिकी बाजार में बेहतर स्थिति में ला सकता है, क्योंकि उन पर कम टैरिफ लागू है। इससे म्यांमार (40%), थाईलैंड व कंबोडिया (36%), बांग्लादेश (35%), इंडोनेशिया (32%), चीन और श्रीलंका (30%), मलयेशिया (25%), फिलीपीन और वियतनाम (दोनों 20%) को फायदा हो सकता है।
क्या कोई अन्य शुल्क भी होगा?
- हां, अमेरिका ने तीन श्रेणियों पर क्षेत्र-विशिष्ट टैरिफ भी लगाए हैं-स्टील और एल्युमीनियम (50%), तांबा (50%) और ऑटो पार्ट्स (25%)। ये भी अतिरिक्त शुल्क हैं। यानी कोई शुल्क लगता है तो ये उससे अतिरिक्त होंगे।
किन क्षेत्रों या उत्पाद श्रेणियों को उच्च टैरिफ से बाहर रखा गया है?
- थिंक टैंक जीटीआरआई के मुताबिक, 50% का उच्च टैरिफ तैयार दवाओं, सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) और अन्य प्रमुख दवा इनपुट; कच्चे तेल जैसे ऊर्जा उत्पाद, परिष्कृत ईंधन, प्राकृतिक गैस, कोयला एवं बिजली; महत्वपूर्ण खनिज; और कंप्यूटर, टैबलेट, स्मार्टफोन, फ्लैट पैनल डिस्प्ले और इंटीग्रेटेड सर्किट पर लागू नहीं होगा।
ये भी पढ़ें: OpenAI: ओपनएआई ने GPT-5 लॉन्च किया, CEO ऑल्टमैन बोले-भारत हमारा सबसे बड़ा बाजार बन सकता है
उच्च शुल्क से कौन-से निर्यात क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे?
- कपड़ा/ परिधान, रत्न और आभूषण, झींगा, चमड़ा एवं जूते, रसायन और विद्युत एवं यांत्रिक मशीनरी।
अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर मौजूदा टैरिफ दर की संरचना क्या है?
- 7 अगस्त से अमेरिका पहुंचने वाले भारतीय सामानों पर 25% (10% बेसलाइन टैरिफ सहित) और एमएफन (सर्वाधिक पसंदीदा राष्ट्र) दरों के साथ ही व्यापार उपाय दरें भी लागू होंगी।
बतौर उदाहरण, भारत के झींगा निर्यात पर शून्य एमएफएन है। लेकिन इस पर 2.49% एंटी-डंपिंग और 5.77% प्रतिकारी शुल्क (अमेरिकी व्यापार उपाय) लगता है।
- 7 अगस्त से झींगा पर 33.26% शुल्क (25%+ 2.49%+ 5.77%) लगेगा।
- 27 अगस्त से 58.26% शुल्क (50%+ 2.49%+ 5.77%) लगेगा।
131.8 अरब डॉलर द्विपक्षीय व्यापार रहा भारत-अमेरिका के बीच 2024-25 में वस्त्र उद्योग में।
(86.5 अरब डॉलर निर्यात 45.3 अरब डॉलर रहा था आयात)
संबंधित वीडियो