
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत (डेड इकोनामी) अर्थव्यवस्था बताया, उसी बाजार से उनकी की कंपनी मोटा मुनाफा कमा रही है। ट्रंप की एक दिग्गज उद्योगपति के रूप में भी पहचान है। उनकी कंपनी द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन दुनिया भर में रियल एस्टेट, होटलों और लग्जरी गोल्फ कोर्स के कारोबार में बड़े पैमाने पर सक्रिय है। भारत में भी उनकी कारोबारी मौजूदगी लगातार मजबूत हुई है, जहां पिछले एक दशक में कंपनी ने करीब 1,800 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है।
द ट्रंप ऑर्गनाइजेशन की स्थापना डोनाल्ड ट्रंप के दादा फ्रेडरिक ट्रंप ने 1927 में की थी। ब्लूमबर्ग के अनुसार न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा, शिकागो और वर्जीनिया के अलावा कंपनी के व्यापारिक परियोजनाएं स्कॉटलैंड, आयरलैंड, तुर्की, फिलीपींस, कनाडा और भारत तक फैली हैं। रियल एस्टेट ब्रांडिंग और प्रबंधन के मॉडल पर काम करने वाली इस कंपनी की वार्षिक वैश्विक राजस्व क्षमता करीब 3 अरब डॉलर (लगभग 25,000 करोड़ रुपये) आंकी जाती है। भारत में ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने 2014 के बाद से मुंबई, पुणे, गुरुग्राम और कोलकाता में ट्रंप टावर प्रोजेक्ट्स के माध्यम से लग्जरी रियल एस्टेट बाजार में कदम रखा।
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ब्रांडिंग, लाइसेंसिंग से मुनाफा
ट्रंप ऑर्गनाइजेशन ने भारत में प्रत्यक्ष निर्माण न करते हुए ब्रांडिंग और लाइसेंसिंग के जरिये मुनाफा कमाया। इन परियोजनाओं से कंपनी को पिछले 10 वर्षों में रॉयल्टी और लाइसेंसिंग फीस के रूप में लगभग 1,800 करोड़ रुपये (करीब 220 मिलियन डॉलर) का राजस्व मिला है।
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630 करोड़ रियल एस्टेट में कमाए
ट्रंप की कंपनी ने पिछले 10 वर्षों में चार प्रमुख रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के माध्यम से करीब 630 करोड़ रुपये की कमाई की है। मुंबई में लोढ़ा ग्रुप से 225 करोड़, पुणे में पंचशील रियल्टी से 120 करोड़, कोलकाता में यूनिमार्क ग्रुप से 105 करोड़ और गुरुग्राम में एम3एम इंडिया से 180 करोड़ रुपये की रॉयल्टी फीस अर्जित की है।