
भारत के चुनाव आयोग ने रविवार को कांग्रेस राहुल गांधी की तरफ से जारी उस मतदाता सूची को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया है, जिसमें 30,000 मतदाताओं के पते फर्जी होने का दावा किया है। चुनाव आयोग ने फैक्ट चेक के बाद कहा कि विधि सम्मत प्रक्रिया को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं और जितना भी संभव हो सकता है, उतना ज्यादा लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक एक्स सोशल मीडिया पर कांग्रेस की पोस्ट को साझा करते हुए लिखा, यह बयान पूरी तरह भ्रामक है। अगर राहुल गांधी को लगता है कि उनकी तरफ से साझा की जा रही सूची वाकई सही है तो उन्हें कानूनी प्रक्रिया का पालन करने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्हें बिना देरी कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को जवाब भेजना चाहिए। आयोग ने इसके साथ ही फिर दोहराया कि या तो वह अपनी प्रेस कांफ्रेंस में उठाए गए मुद्दों पर हस्ताक्षरित हलफनामा दे या फिर देश से माफी मांगें।
❌ The statements made are False and Misleading #ECIFactCheck
✅ Please read details in the image attached 👇 https://t.co/Jyj5mzAMiK pic.twitter.com/ZR6MRvKFNj
— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 10, 2025
आयोग ने अपनी पोस्ट में लिखा कि विपक्ष के नेता के पास अब दो ही विकल्प हैं। एक, अगर उन्हें लगता है कि उनका विश्लेषण सही है और आयोग पर लगाए गए उनके आरोप सत्य हैं तो उन्हें संबंधित मतदाताओं के बारे में दावे और आपत्तियां जताते हुए मतदाता पंजीकरण नियम 1960 की धारा 20(3)(बी) के तहत हस्ताक्षरित शपथ देनी चाहिए। दूसरा, अगर वह शपथपत्र नहीं देते हैं तो यही माना जाएगा कि उनकी जानकारी तथ्यात्मक रूप से गलत है और वह बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।