
पूरे देश में आज से गणपति बप्पा की उपासना शुरू होगी। गणेश चतुर्थी के इस पावन अवसर पर भक्ति में डूबे भक्त पंडालों में उमड़ेंगे। मुंबई के लालबागचा राजा से लेकर देश के कई हिस्से में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। हर पंडाल, हर घर और तमाम भक्त पूरे श्रद्धाभाव से हर साल की तरह इस वर्ष भी गणेश चतुर्थी मनाएंगे। देश के अलग-अलग हिस्सों से आई तस्वीरों को देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि इस साल गणेशोत्सव का रंग कुछ खास और गहरा दिखाई दे रहा है।

मुंबई का सबसे प्रसिद्ध गणेशोत्सव लालबागचा राजा के बैनर तले होता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी यहां का विशेष आकर्षण श्रद्धालुओं को अपनी तरफ खींच रहा है। लालबागचा राजा में इस बार बप्पा को राजसी पोशाक पहनाकर राजदरबार में विराजमान किया गया है, जो परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम है। पंडाल की सजावट में शुद्ध पर्यावरणीय सामग्री का उपयोग कर इको-फ्रेंडली गणेशोत्सव को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया जा रहा है।

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जयपुर में गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना करने पहुंचे भक्त।
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इको-फ्रेंडली मूर्तियों की बढ़ी मांग
इस साल विशेष बात यह है कि लोग प्राकृतिक और मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। प्लास्टर ऑफ पेरिस की जगह शुद्ध मिट्टी, बीज गणेश और पौधों के साथ आने वाले ‘हरित बप्पा’ लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। यह पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता को दर्शाता है।

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हैदराबाद में गणेश चतुर्थी उत्सव पर एक कलाकार ऑपरेशन सिंदूर थीम पर आधारित ‘पंडाल’ तैयार किया।
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देशभर में विविध रूपों में दिखे गणपति
देशभर के हर राज्य, हर शहर में बप्पा का अलग-अलग रूप देखने को मिल रहा है। कहीं बाल गणेश, तो कहीं महाकाय गणपति, कहीं स्वर्ण आभूषणों से सजे गणराज, तो कहीं कागज और मिट्टी से बने पर्यावरण-संरक्षक बप्पा। दिल्ली, पुणे, नागपुर, बेंगलुरु, कोलकाता, और अहमदाबाद में भी भव्य झांकियों और सजावटों के साथ गणपति बप्पा का स्वागत किया गया। इसी दौरान हैदराबाद में गणपति का अलग अंदाज देखा गया। गणेश चतुर्थी उत्सव पर एक कलाकार ऑपरेशन सिंदूर थीम पर आधारित ‘पंडाल’ तैयार किया, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइल को भी दिखाया गया।

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सोमवार को मुंबई में ‘गणेश चतुर्थी’ उत्सव की पूर्व संध्या पर तैयारियों में लगे श्रद्धालु।
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भक्ति के साथ तकनीक का मेल
इस बार कई पंडालों में डिजिटल दर्शन की सुविधा भी दी गई है। भक्त ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भी अपने आराध्य के दर्शन कर पा रहे हैं। कई मंदिरों और मंडलों ने एआर/वीआर तकनीक का इस्तेमाल कर श्रद्धालुओं को अनोखा अनुभव दिया है।

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कोलकाता में गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर भगवान गणेश की मूर्ति ले जाते श्रद्धालु
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भावना और आस्था का उत्सव
गणेश चतुर्थी सिर्फ एक पर्व नहीं, भावना और आस्था का पर्व है। यह वह समय होता है जब लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक साथ मिलकर उत्सव मनाते हैं। बप्पा को ‘विघ्नहर्ता’ और ‘मंगलकर्ता’ माना जाता है, जो दुखों को हरते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।