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घटना की जानकारी देते पीड़ित ड्राइवर बलकार। बलकार ने बताया कि पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
हरियाणा में कैथल के ट्रक ड्राइवर को पंजाब के ट्रक मालिक ने किडनैप किया। इसके बाद कार सवार 4-5 गुंडों के साथ मिलकर पूरी रात उसे पीटते रहे। सुबह जब उन्होंने ड्राइवर की हालत देखी तो उसे एक निजी अस्पताल में छोड़कर भाग गए।
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दरअसल, ट्रक ड्राइवर और ट्रक मालिक के बीच कुछ सामान की डिलीवरी के दौरान क्रैकिंग को लेकर कहासुनी हुई थी। आरोपियों ने धमकी दी कि अगर पुलिस में शिकायत की तो वे उसे जान से मार देंगे।
मारपीट में ड्राइवर के पैर टूट गए। उसके सिर पर गहरी चोट आई। घायल ड्राइवर की पहचान बलकार सिंह के रूप में हुई है। आरोपी की पहचान ट्रांसपोर्टर मनीष के रूप में हुई है। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
घायल ड्राइवर बलकार का करनाल के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सिलेसिवार से तरीके से पढ़िए पूरा विवाद …. भाई के बीमार होने पर बलकार ले गया माल ट्रक ड्राइवर बलकार ने बताया कि कैथल के कौल गांव निवासी बलकार सिंह पेशे से ट्रक ड्राइवर है, उसका छोटा भाई मुकेश भी ट्रक ड्राइवर है। मुकेश कलायत में मनीष ट्रांसपोर्टर के पास ड्राइवर का काम करता है। उसे 13-14 दिसंबर को ट्रक लेकर गुजरात जाना था, लेकिन उसकी तबीयत खराब हो गई।
उसके भाई ने उसे अपने स्थान पर ट्रक पर भेजने का आग्रह किया। वह गुजरात में माल की डिलीवरी के लिए निकला। उसने वहां ट्रक उतार दिया। ट्रक मालिक ने उसे गुजरात से पंजाब के जालंधर में माल पहुंचाने के लिए कहा। वह माल लोड करके जालंधर पहुंच गया।
क्रैकिंग को लेकर कहासुनी बलकार ने बताया कि ट्रक में वॉशबेसिन, टॉयलेट सीट आदि सामान था। उसने उसे उतारकर पैकिंग की गिनती कराई। सामान पूरा था। मालिक ने सामान चेक किया तो उसमें कुछ दरारें थीं। जिसके कारण मालिक ने ट्रक का किराया रोक दिया। उसने ट्रक मालिक मनीष को फोन करके पूरी घटना बताई। ट्रक मालिक ने बलकार से नुकसान की भरपाई करने को कहा। आखिरी डिलीवरी है, आगे काम नहीं करेगा ऑबलकार ने बताया कि वह गरीब है और 20 हजार रुपए की नौकरी करता है और वह इतना घाटा कैसे झेल सकता है। इस बात पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। ट्रक मालिक ने नकोदर से कलायत तक एक और डिलीवरी मांगी। बलकार ने कहा कि यह आखिरी डिलीवरी है और वह आगे काम नहीं करेगा।
नकोदर से पहले ही ट्रक खड़ा किया पीड़ित बलकार ने बताया कि ट्रक मालिक सुबह उसे लोकेशन देने वाला था। उसने नकोदर से 10 किलोमीटर दूर ट्रक रोक दिया। अपने कंडक्टर के साथ खाना खाने के बाद वह गाड़ी में ही सो गया। 20 दिसंबर की रात को अचानक ट्रक मालिक कुछ लोगों को गाड़ी में लेकर नकोदर पहुंच गया।
कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा पहले उन्होंने कंडक्टर को नीचे उतारकर पीटा। जिसके बाद कंडक्टर ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद ट्रक मालिक ने ट्रक चालक को बुरी तरह पीटा और उसके पैरों व सिर पर हमला कर दिया। जिससे उसके पैरों की हड्डियां टूट गईं। हमलावरों ने उसे गाड़ी की डिग्गी में डाल लिया और कलायत ले आए।
घायल के साथ मौजूद परिजन, जिन्होंने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
डॉक्टरों से कहा कि उसका एक्सीडेंट हुआ बलकार ने बताया कि जहां भी गाड़ी रोकी गई। उसे गाड़ी से बाहर खींचकर पीटा गया। सुबह तक उसकी हालत बिगड़ गई। आरोपियों ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया और डॉक्टरों से कहने का दबाव बनाया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है। वे बालाजी अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मोबाइल से अपने परिजनों को कॉल किया, जिसके बाद उसके परिजन अस्पताल पहुंचे। जहां उसने अपनी आपबीती उन्हें बताई।
करनाल में चल रहा इलाज जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई और वहां से उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उसका सही से इलाज नहीं हुआ। इसलिए 23 दिसंबर को वह करनाल के एक निजी अस्पताल में पहुंचा। जहां उसका इलाज चल रहा है।
शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं बलकार का आरोप है कि पुलिस ने भी उसकी शिकायत पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उसने बताया कि प्रदीप कुमार नाम का कोई आईओ उसके पास आया था, लेकिन उसने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
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