
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विपक्ष के रुख पर करारा हमला बोला। एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘… आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर वे कभी जेल गए, तो वे जेल से आसानी से सरकार चला लेंगे। जेल को सीएम हाउस, पीएम हाउस बना दिया जाएगा और डीजीपी, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से आदेश लेंगे।’


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गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन विधेयक पर कांग्रेस के विरोध पर कहा कि लालू यादव को बचाने के लिए मनमोहन सिंह की ओर से लाए गए अध्यादेश को फाड़ने का राहुल गांधी का क्या औचित्य था? अगर उस दिन नैतिकता थी, तो क्या आज नहीं है, क्योंकि आप लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं? मुझे पूरा विश्वास है कि यह पारित हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी और विपक्ष में कई लोग होंगे, जो नैतिकता का समर्थन करेंगे और नैतिकता के आधार पर काम करेंगे। इसके अलावा राहुल की ओर से आयोजित विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों के वीडियो रीलों पर कहा कि किसी कार्यक्रम का प्रबंधन करने और जनता से संवाद करने में बहुत अंतर होता है।

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पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफ पर कही यह बात
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफ पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि धनखड़ जी एक संवैधानिक पद पर आसीन थे और अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संविधान के अनुसार अच्छा काम किया। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या के कारण इस्तीफा दे दिया है। किसी को ज्यादा खींचतान करके कुछ ढूंढ़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

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संसद के अंदर CISF की तैनाती पर क्या बोले शाह?
संसद के अंदर CISF की तैनाती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘मार्शल सदन में तभी प्रवेश करते हैं, जब अध्यक्ष उन्हें आदेश देते हैं। यह बदलाव एक बड़ी घटना के बाद हुआ, जब कुछ वामपंथी लोगों ने संसद के अंदर स्प्रे किया था। उन्हें (विपक्ष को) बहाने चाहिए और वे जनता में भ्रम पैदा करना चाहते हैं। तीन चुनाव हारने के बाद हताशा के स्तर ने उन्हें विवेक खो दिया है।’

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बी. सुदर्शन रेड्डी पर हमला तेज किया
विपक्षी गठबंधन इंडिया के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी पर गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने सलवा जुडूम को खारिज कर दिया और आदिवासियों के आत्मरक्षा के अधिकार को समाप्त कर दिया। इसी वजह से इस देश में नक्सलवाद दो दशकों से ज्यादा समय तक चला। मेरा मानना है कि वामपंथी विचारधारा ही (सुदर्शन रेड्डी को चुनने का) मानदंड रही होगी।