
भारत और कुवैत के बीच मंगलवार को नई दिल्ली में विदेश कार्यालय परामर्श का सातवां दौर आयोजित किया गया। इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की। साथ ही व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों में रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के अवसरों पर भी चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश कार्यालय परामर्श के सातवें दौर के दौरान दोनों पक्षों ने राजनीति, व्यापार, निवेश, रक्षा, ऊर्जा, संस्कृति और लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए चल रही विभिन्न पहलों और अवसरों पर चर्चा की। बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की और आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
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असीम आर. महाजन और समीह ईसा जौहर हयात ने की सह-अध्यक्षता
विदेश कार्यालय परामर्श की सह-अध्यक्षता विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (खाड़ी) असीम आर. महाजन और कुवैत के विदेश मंत्रालय में एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री समीह ईसा जौहर हयात ने की। राजदूत समीह ने कांसुलर, पासपोर्ट एवं वीज़ा (सीपीवी) और प्रवासी भारतीय मामलों (ओआईए) के सचिव अरुण कुमार चटर्जी से भी मुलाकात की।
जेसीसी और जेडब्ल्यूजी की बैठकें जल्द आयोजित करने का लिया निर्णय
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि संयुक्त सहयोग आयोग (जेसीसी) के अंतर्गत संयुक्त कार्य समूहों (जेडब्ल्यूजी) की बैठकें पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथियों पर जल्द से जल्द आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसमें कहा गया है कि दोनों पक्ष दिसंबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुवैत यात्रा के दौरान दोनों देशों के नेतृत्व के मार्गदर्शन में तैयार किए गए रोडमैप के कार्यान्वयन पर मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
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कुवैत में आयोजित होगा विदेश कार्यालय परामर्श का अगला दौर
भारत और कुवैत के बीच लंबे समय से संबंध बहुत अच्छे रहे हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10.2 अरब डॉलर प्रति वर्ष (वित्त वर्ष 2024-2025) है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुवैत में 10 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जो दोनों देशों के मजबूत संबंधों की बड़ी मिसाल है। दोनों देशों ने यह भी तय किया कि विदेश कार्यालय परामर्श के अगले दौर का आयोजन कुवैत में होगा, जिसकी तारीख दोनों मिलकर तय करेंगे।