
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक 30 जुलाई यानी आज होगी। इस बैठक में जाने-माने अर्थशास्त्री एनके सिंह पैनल के सामने अपने विचार साझा करेंगे। सिंह पूर्व राज्यसभा सदस्य, भारत के 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष, योजना आयोग के पूर्व सदस्य, पूर्व राजस्व सचिव और पूर्व प्रधानमंत्री के सचिव रह चुके हैं।
इस बैठक में उनकी मदद अर्थशास्त्र की प्रोफेसर डॉ. प्राची मिश्रा करेंगी, जो अशोका विश्वविद्यालय के आइजैक सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी की प्रमुख हैं। इससे पहले 11 जुलाई को भी एक बैठक हुई थी, जिसमें भारत के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश- जेएस खेहर और डीवाई चंद्रचूड़ समेत कई कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा की गई थी।
यह पहल राष्ट्र निर्माण के लिए एक सुनहरा मौका: चौधरी
बैठक के बाद, समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने इस पहल को राष्ट्र निर्माण के लिए एक सुनहरा मौका बताया और कहा कि सभी सदस्य राजनीति से ऊपर उठकर मजबूत कानून बनाने में लगे हैं। चौधरी ने बताया, ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए एक बैठक हुई। पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति खेहर और न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ हमारे समक्ष उपस्थित थे और हमने बातचीत की। राष्ट्र निर्माण के लिए इस समिति के लिए यह एक सुनहरा अवसर है। समिति के सभी सदस्य दलगत राजनीति से ऊपर हैं और एक अच्छा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’
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समिति सदस्य और विशेषज्ञ इस पहल के महत्व पर सहमत
उन्होंने यह भी कहा कि समिति के सदस्य और विशेषज्ञ दोनों इस पहल के महत्व पर सहमत थे। मुख्य न्यायाधीशों के अलावा, समिति ने पूर्व सांसद और विधि एवं न्याय संबंधी संसदीय स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष ईएमएस नचियप्पन के विचार भी सुने। पिछली बैठक में उपस्थित सदस्यों में प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, रणदीप सिंह सुरजेवाला, भुवनेश्वर कलिता, साकेत गोखले, शांभवी चौधरी और भर्तृहरि महताब शामिल थे।
न्यायाधीशों से परामर्श कर रही समिति
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए, चौधरी ने कहा कि समिति न्यायाधीशों से परामर्श कर रही है, क्योंकि वे सांविधानिक विशेषज्ञ हैं, और निष्पक्ष रहते हैं। वह केवल कानूनी ढांचे से संबंधित होते हैं। भाजपा सांसद पीपी चौधरी ने कहा कि समिति संभावित संशोधनों पर विचार कर रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि विधेयक न्यायिक जांच में खरा उतरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के दृष्टिकोण को लागू करने में सहायक हो।
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नेताओं और अधिकारियों ने प्रस्ताव का समर्थन किया
जेपीसी प्रमुख ने समिति के पांच राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदश के दौरे पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुमूल्य जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक नेताओं, नागरिक समाज के सदस्यों और अधिकारियों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
समिति वर्तमान में इन दो विधेयकों पर कर रही काम
समिति इस समय जिन दो विधेयकों पर काम कर रही है, उनमें संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश विधि (संशोधन) विधेयक, 2024 शामिल हैं। इन विधेयकों का मकसद लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों को एक साथ कराना है।