
कर्नाटक के सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना को इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक शीर्ष सूत्र ने बताया, राजन्ना ने विधान सौध में मुख्यमंत्री के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद राजन्ना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
यह मामला सोमवार को कर्नाटक विधानसभा सत्र के दौरान चर्चा का विषय बन गया जब भाजपा विधायकों ने कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल और राजन्ना से इस मामले पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की। सिद्धारमैया के वफादार राजन्ना पिछले दो महीनों से चर्चा में हैं जब उन्होंने दावा किया था कि ‘अगस्त क्रांति’ होगी, जिससे सरकार में बड़े उलटफेर का संकेत मिलता है।
वहीं राजन्ना ने कथित मतदाता सूची में हेराफेरी पर पार्टी की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं। राजन्ना ने कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं पर सवाल करते हुए है कि, जब सूची तैयार की गई थी और उसमें अनियमितताएं थीं, तो इसकी शिकायत क्यों नहीं की गई?
‘जब ड्राफ्ट मतदाता सूची बनी तो हमारी सरकार थी’
कर्नाटक के मंत्री केएन राजन्ना ने राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर लगाए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, देखिए…अगर हम ऐसी बातों पर यूं ही बात करने लगेंगे, तो अलग-अलग राय सामने आएंगी। मतदाता सूची कब तैयार हुई थी? यह तब तैयार हुई थी जब हमारी अपनी सरकार सत्ता में थी। उस समय क्या सब लोग आँखें बंद करके चुपचाप बैठे थे? ये अनियमितताएम हुईं थीं, यह सच है। इसमें कुछ भी झूठ नहीं है।
राजन्ना ने कहा कि ये गड़बड़ियां हमारी आंखों के सामने हुईं, हमें शर्म आनी चाहिए। उस समय हमने ध्यान नहीं दिया। इसलिए भविष्य में हमें सतर्क रहना होगा… महादेवपुरा में वाकई धोखाधड़ी हुई थीं। एक व्यक्ति तीन अलग-अलग जगहों पर पंजीकृत था और तीनों जगह वोट डाला। लेकिन जब प्रारूप मतदाता सूची तैयार होती है, तो हमें उसकी निगरानी करनी चाहिए, है ना? जब प्रारूप मतदाता सूची बनती है, तो हमें आपत्तियां दर्ज करानी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है। उस समय हम चुप रहे और अब बात कर रहे हैं।
डीके शिवकुमार ने राजन्ना के आरोपों को नकारा
राजन्ना के आरोपों पर कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि के.एन. राजन्ना पूरी तरह से गलत हैं। उन्हें नहीं पता। मेरे मुख्यमंत्री और मेरी पार्टी का आलाकमान इसका जवाब देगा।