
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें सुझाव दिया गया था कि नए विधेयक से प्रधानमंत्री को बाहर रखा जाए। यह विधेयक उन परिस्थितियों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने की व्यवस्था करता है, जब वे किसी गंभीर आपराधिक मामले में लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहें। रिजिजू ने कहा कि पीएम मोदी ने साफ कहा कि वे भी नागरिक हैं और उन्हें भी कोई विशेष संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।
रिजिजू के मुताबिक, मंत्रिमंडल की चर्चा के दौरान यह सुझाव आया कि प्रधानमंत्री को इस प्रावधान से बाहर रखा जाए। लेकिन मोदी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अगर भाजपा या किसी भी पार्टी के नेता अपराध करेंगे तो उन्हें भी इस्तीफा देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजनीति में आचार संहिता और नैतिकता का पालन जरूरी है। विपक्ष पर निशाना साधते हुए रिजिजू ने कहा कि अगर विपक्ष वास्तव में नैतिकता को महत्व देता तो इस बिल का स्वागत करता।
तीन अहम विधेयक पेश
केंद्र सरकार ने इस हफ्ते तीन विधेयक पेश किए। इनमें सरकार-शासित केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री, कोई केंद्रीय मंत्री या राज्य का मुख्यमंत्री यदि कम से कम पांच साल की सजा वाले किसी अपराध में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन से वह स्वतः पद खो देगा।
संसद में विरोध और संयुक्त समिति को भेजा मामला
गुरुवार को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने इन तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा। सदन में हंगामे के बीच यह प्रस्ताव पास हो गया। लोकसभा में भी एक दिन पहले इन विधेयकों को भारी विरोध के बीच पेश किया गया था। लोकसभा ने 31 सदस्यीय संयुक्त समिति गठित की है, जिसमें 21 सदस्य लोकसभा से और 10 राज्यसभा से होंगे। इस समिति को नवंबर के तीसरे सप्ताह में प्रस्तावित शीतकालीन सत्र के दौरान रिपोर्ट देने को कहा गया है।
नैतिकता और पारदर्शिता पर जोर
रिजिजू ने कहा कि प्रधानमंत्री का फैसला इस बात का संकेत है कि राजनीति में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार यह संदेश देना चाहती है कि यदि हमारे ही मुख्यमंत्री या मंत्री अपराध करते हैं, तो उन्हें भी पद छोड़ना पड़ेगा। पीएम मोदी के इस रुख से विपक्ष के लिए नैतिक दबाव और बढ़ गया है। विपक्षी दलों ने भले ही हंगामा किया, लेकिन सरकार का दावा है कि यह विधेयक पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में अहम कदम है।
राहुल गांधी को भी घेरा
मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी एक बहुत खतरनाक रास्ते पर चल रहे हैं और देश विरोधी ताकतों से मिलकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। रिजिजू ने कहा कि इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी तरह सुरक्षित है।
जॉर्ज सोरोस और खालिस्तानी ताकतों से जोड़कर आरोप
एएनआई से बातचीत में रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी बहुत खतरनाक ट्रैक पर जा रहे हैं। जॉर्ज सोरोस कहता है कि एक ट्रिलियन डॉलर भारत सरकार को अस्थिर करने के लिए रखे गए हैं। कनाडा, अमेरिका और ब्रिटेन में बैठे खालिस्तानी और कई वामपंथी संगठन देश के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। राहुल गांधी और कांग्रेस उनके साथ मिलकर देश को कमजोर कर रहे हैं। यह चिंताजनक है। लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में कोई भी ताकत देश को अस्थिर नहीं कर सकती।
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कांग्रेस पर एंटी-इंडिया ग्रुप्स से हाथ मिलाने का आरोप
रिजिजू ने आगे कहा कि कांग्रेस जब भी चुनाव नहीं जीत पाती, तो वह भारत विरोधी ताकतों के साथ मिलकर सरकार और संस्थानों को निशाना बनाने लगती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बार-बार कहती है कि न्यायपालिका और चुनाव आयोग बिके हुए हैं। यह जनता का विश्वास कमजोर करने की रणनीति है। जब वे संस्थाओं पर हमले करते हैं, तो अस्थिरता फैलती है।
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी लेफ्ट मानसिकता से प्रेरित होकर देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह काम जनता को भड़काने और अशांति फैलाने के लिए किया जा रहा है। रिजिजू ने कहा कि इस तरह की सोच लोकतंत्र और स्थिरता दोनों के लिए खतरनाक है।
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राहुल गांधी के भाषणों से खुद सांसद असहज
रिजिजू ने दावा किया कि राहुल गांधी के अपने ही पार्टी सांसद उनके भाषणों से परेशान रहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कुछ भी बोलते हैं तो उनके सारे सांसद असहज हो जाते हैं। उन्हें डर रहता है कि वे अनाप-शनाप बातें करेंगे और उसकी सजा पार्टी को भुगतनी पड़ेगी।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार और पुराने विवाद भी याद दिलाए
रिजिजू ने राहुल गांधी को याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके चौकीदार चोर है वाले बयान पर कड़ी फटकार लगाई थी। साथ ही उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान चीन सीमा मुद्दे पर दिए गए राहुल गांधी के बयानों पर भी निशाना साधा। रिजिजू ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी विपक्ष के नेता के स्तर को नीचे गिराती है और संस्थाओं की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाती है।