
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बृहस्पतिवार (स्थानीय समयानुसार) को कहा कि अमेरिका ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्धविराम समझौता में मध्यस्थता करने में मदद की है। इस दौरान उन्होंने शांति प्रक्रिया की मेजबानी के लिए मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को धन्यवाद दिया।
विदेश मंत्री रुबियो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘अमेरिका ने कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्धविराम समझौते में मध्यस्थता करने में मदद की है। हम मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के नेतृत्व और युद्धविराम प्रक्रिया की मेजबानी के लिए उनके आभारी हैं। हम इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मलेशिया, आसियान और दोनों देशों का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं।’
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कुआलालंपुर में हुई युद्धविराम वार्ता
युद्धविराम वार्ता मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में हुई, जहां थाईलैंड और कंबोडिया के अधिकारी चार दिवसीय सामान्य सीमा समिति की बैठक के लिए इकट्ठा हुए। यह बैठक सोमवार से शुरू होकर बृहस्पतिवार शाम को खत्म हुई। बैठक के अंतिम सत्र में थाई उप रक्षा मंत्री नत्थाफोन नाकपनित और कंबोडियाई रक्षा मंत्री टी सेइहा शामिल हुए। वार्ता में मलेशिया, चीन और अमेरिका के पर्यवेक्षक भी मौजूद रहे।
हम चाहते हैं युद्धविराम कायम रहे: कागन
मलेशिया में अमेरिकी राजदूत एडगार्ड डी. कागन ने भी एक्स पर एक संदेश साझा किया, जिसमें शांति समझौते के लिए अमेरिका का मजबूत समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, ‘हम चाहते हैं कि यह युद्धविराम कायम रहे। हम थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक स्थायी शांति चाहते हैं। कुआलालंपुर में आज की सामान्य सीमा समिति की बैठक सही दिशा में एक और कदम था।’
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गुटेरेस ने भी युद्धविराम समझौते का स्वागत किया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी दोनों देशों के बीच युद्धविराम समझौते का स्वागत किया। उन्होंने मौजूदा शत्रुता को समाप्त करने और तनाव कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।
24 जुलाई को दोनों देशों के बीच शुरू हुआ था सीमा संघर्ष
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच पांच दिनों तक चला भीषण सीमा संघर्ष 24 जुलाई को शुरू हुआ था। मलेशिया ने 28 जुलाई को मध्यस्थता करके युद्धविराम कराया था। रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा तब शुरू हुई, जब कंबोडियाई सैनिकों ने कथित तौर पर थाईलैंड के नागरिक इलाकों में तोपखाने और रॉकेट दागे, जिसके जवाब में थाईलैंड ने हवाई हमले किए। हालांकि अब तक युद्धविराम कायम है, दोनों देशों ने एक-दूसरे पर युद्धविराम की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।