
सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में अब तक देश का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 6.64 लाख करोड़ रुपये है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 3.95 प्रतिशत कम है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार यह कमी अधिक रिफंड जारी करने के कारण आई है। प्रत्यक्ष करों में कंपनियों, एकल व्यक्तियों, पेशेवरों और अन्य फर्मों की आमदनी पर लगने वाले टैक्स शामिल हैं।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में 01 अप्रैल से 11 अगस्त तक शुद्ध कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन करीब 2.29 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं नन कॉरपोरेट शुद्ध टैक्स कलेक्शन जिनमें अविभाजित हिंदू परिवारों (HUF) व फर्म्स की आमदनी पर लगने वाले टैक्स शामिल होते हैं, करीब 4.12 लाख करोड़ रुपये रहा। 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) संग्रह 22,362 करोड़ रुपये रहा।
कुल शुद्ध संग्रह लगभग 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) की इसी अवधि में एकत्रित 6.91 लाख करोड़ रुपये से 3.95 प्रतिशत कम है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक जारी रिफंड 10 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपये हो गया। 1 अप्रैल से 11 अगस्त के बीच सकल संग्रह (रिफंड से पहले) 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 8.14 लाख करोड़ रुपये से 1.87 प्रतिशत कम है।
चालू वित्त वर्ष (2025-26) में, सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 26 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये जुटाना है।