
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा में भाग लेते हुए मंगलवार को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और विपक्ष को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से नहीं रोका था। पीएम मोदी ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर को चर्चा से दूर रखने को लेकर भी विपक्ष पर तंज कसा।
उन्होंने कहा कि 9 मई की रात और 10 मई की सुबह हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस-नहस कर दिया था। आज पाकिस्तान भी जान गया है कि भारत का हर जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है। उसे ये भी पता है कि भविष्य में नौबत आई तो भारत आगे कुछ भी कर सकता है। इसलिए मैं फिर से लोकतंत्र के इस मंदिर में दोहराना चाहता हूं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है। अगर पाकिस्तान ने दुस्साहस की, कल्पना की तो, उसे करारा जवाब दिया जाएगा।
इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 29 बार भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लिया। अगर दम है तो प्रधानमंत्री सदन में यह बोल दें कि वे झूठ बोल रहे हैं। अगर दम है तो पीएम को यहां कह देना चाहिए कि डोनाल्ड ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।
‘कुछ नेताओं को संसद में बोलने से शायद इसलिए रोका गया, क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया के सामने भारत का रुख रखा था’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके कुछ नेताओं को संसद में बोलने से शायद इसलिए रोका गया, क्योंकि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर दुनिया के सामने भारत का रुख रखा था, जिससे पार्टी नेतृत्व घबरा गया था। हालांकि, प्रधानमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन वह स्पष्ट रूप से कांग्रेस के दो सांसदों शशि थरूर और मनीष तिवारी का जिक्र कर रहे थे, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान कुछ नहीं कहा।
लोकसभा में दो दिवसीय बहस का जवाब देते हुए मोदी ने कहा, ‘जो लोग खुद को कांग्रेस के बड़े नेता मानते हैं, उन्हें इस बात का दुख हो रहा है कि भारत का रुख दुनिया के सामने क्यों रखा गया। शायद कुछ नेताओं को संसद में बोलने से भी रोक दिया गया है। इस मानसिकता से छुटकारा पाने की जरूरत है।’
थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर भारत का रुख रखने के लिए अमेरिका और चार अन्य देशों में गए सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों में से एक का नेतृत्व किया था, जबकि मनीष तिवारी ऐसे ही एक प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। दोनों कांग्रेस सांसदों ने सोमवार और मंगलवार को लोकसभा में हुई बहस में हिस्सा नहीं लिया।