One Nation One Election: संसद के शीतकालीन सत्र के बीच मंगलवार को मोदी सरकार सदन के पटल पर वन नेशन, वन इलेक्शन का बिल रखने की तैयारियां कर रही है। हालांकि बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष बंटी हुई नजर आ रही है। ऐसे में संसद के सत्र के बेहद हंगामेदार रहने के आसार है। पिछले दिनों नरेंद्र मोदी कैबिनेट की ओर से भी इस बिल को मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि, इस मुद्दे पर विपक्ष भी बंटा हुआ नजर आ रहा है।
One Nation One Election bill केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर महीने में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद Former President Ramnath Kovind
कर रहे थे। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद Ramnath Kovind की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में इन सिफारिशों को रेखांकित किया गया था।
विरोध में Congress, TMC, DMK
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दी थी। भाजपा BJP और उसके सहयोगी दल जहां One Nation One Election विधेयक के समर्थन में हैं, वहीं कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और डीएमके समेत कई विपक्षी दल इसके विरोध में हैं।
One Nation One Election bill मेघवाल कल केंद्र शासित प्रदेश सरकार अधिनियम, 1963, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक भी पेश कर सकते हैं। यह विधेयक एक साथ चुनाव कराने के उद्देश्य से दिल्ली Delhi, जम्मू और कश्मीर jammu & kasmir और पुडुचेरी puducheri में विधानसभाओं के चुनावों को संरेखित करने का प्रयास करता है।
अर्जुन मेघवालarjun meghwal करेंगे पेश One Nation One Election
मंगलवार को लोकसभा के सूचीबद्ध एजेंडे में एक साथ चुनाव कराने से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक शामिल है। संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल arjun meghwal द्वारा पेश किया जाएगा।