
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार द्वारा पूर्व राज्य मंत्री वी. सेंथिल बालाजी से जुड़े मामलों में 2000 से अधिक लोगों को कथित ‘नकदी के बदले नौकरी’ घोटाले में आरोपी बनाकर मुकदमे में देरी करने के प्रयास पर नाराजगी जताई।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस प्रयास को न्यायिक व्यवस्था के साथ पूर्ण धोखाधड़ी” बताया और बालाजी से जुड़े सभी लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया और मामले की सुनवाई बुधवार के लिए स्थगित कर दी। न्यायमूर्ति कांत ने कहा, हम जानना चाहेंगे कि मंत्री के अलावा कथित दलाल या बिचौलिए कौन थे? वे अधिकारी कौन थे जिन्होंने मंत्री की सिफारिशों पर कार्रवाई की? चयन समिति के सदस्य कौन थे? वे अधिकारी कौन थे जिन्होंने नियुक्ति दी?
पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का रवैया ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि पूर्व मंत्री के जीवनकाल में मुकदमे की कार्यवाही पूरी न हो। न्यायालय ने कहा कि जिन गरीब लोगों से मंत्री या उनके गुर्गों ने जबरन पैसे लेकर नौकरी दिलाने का वादा किया, अब उन्हीं लोगों को रिश्वत देने वाले और अभियुक्त बनाकर मामलों में फंसाया जा रहा है।
पीठ ने कहा कि आप (राज्य सरकार) इन पीड़ितों को ही अभियुक्त बनाकर मुकदमा चला रही हैं, ताकि मंत्री के जीवनकाल में मुकदमा कभी पूरा न हो सके। यही आपका काम करने का तरीका है। यह पूरी न्याय व्यवस्था के साथ धोखा है।
अदालत में तमिलनाडु सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी और अमित आनंद तिवारी ने दावा किया कि याचिकाकर्ता वाई बालाजी कथित घोटाले के पीड़ितों की ओर से हाईकोर्ट के बजाय सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर फोरम शॉपिंग कर रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने राज्य सरकार पर पूर्व मंत्री के साथ मिलीभगत करने और मुकदमे में देरी करने का आरोप लगाया।
14 जून, 2023 को गिफ्तार किया गया
करूर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बालाजी को 14 जून, 2023 को गिरफ्तार किया गया था। मामला तब का है, जब वह 2011 और 2015 के बीच पिछली एआईएडीएमके सरकार के दौरान परिवहन मंत्री थे। पिछले साल 13 फरवरी को तमिलनाडु के राज्यपाल ने मंत्रिपरिषद से बालाजी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था।
ईडी ने जुलाई 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया
ईडी ने 2018 में तमिलनाडु पुलिस की ओर से तीन प्राथमिकी दर्ज किए जाने और कथित घोटाले में पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर आरोपों की जांच के लिए जुलाई 2021 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इसके आरोपपत्र में दावा किया गया कि मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान राज्य परिवहन विभाग में पूरी भर्ती प्रक्रिया को भ्रष्ट कर दिया गया था।