
देश के अगले उपराष्ट्रपति पद के लिए अब सीधा मुकाबला तय हो गया है। बता दें कि नामांकन वापसी की आखिरी तारीख गुजर जाने के बाद, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी चुनाव मैदान में बने हुए हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर 2025 को होगा।
दक्षिण भारत से दोनों उम्मीदवार
इस बार उपराष्ट्रपति पद की जंग में दोनों चेहरे दक्षिण भारत से हैं। सीपी राधाकृष्णन- तमिलनाडु से, भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल हैं। वहीं इंडिया गठबंधन के साझा उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी- तेलंगाना से, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं। विपक्ष ने इस चुनाव को विचारधारा की लड़ाई करार दिया है, जबकि संख्याबल एनडीए के पक्ष में है।
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कब और कैसे होगा मतदान?
राज्यसभा सचिवालय के अनुसार- मतदान 9 सितंबर, मंगलवार को संसद भवन स्थित कक्ष एफ-101, वसुंधा में होगा। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू होगी और नतीजा तुरंत घोषित किया जाएगा।
क्या है चुनाव मंडल?
- राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (5 सीटें रिक्त)
- राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य
- लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (1 सीट रिक्त)
- कुल सदस्य: 788 (वर्तमान में 782 सक्रिय सदस्य)
एनडीए का दांव- राधाकृष्णन का अनुभव
67 वर्षीय सीपी राधाकृष्णन ने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान दो बार कोयंबटूर से लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। वे भाजपा के तमिलनाडु प्रदेश अध्यक्ष भी रहे और 2016 से 2020 तक अखिल भारतीय नारियल बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उनके कार्यकाल में नारियल व कोयर उत्पादों का निर्यात बड़ी मात्रा में बढ़ा। एनडीए का दावा है कि राधाकृष्णन ‘साफ-सुथरी छवि वाले नेता’ हैं और उनके राजनीतिक व प्रशासनिक अनुभव से राज्यसभा की अध्यक्षता को मजबूती मिलेगी।
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विपक्ष का दांव- न्यायप्रिय छवि वाले रेड्डी
79 वर्षीय बी. सुदर्शन रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से जुलाई 2011 में रिटायरमेंट लिया। वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जज, फिर गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और बाद में सुप्रीम कोर्ट जज रहे। उन्होंने कई अहम फैसले दिए, जिसमें काले धन पर केंद्र सरकार की ढिलाई की आलोचना, छत्तीसगढ़ सरकार की सलवा जुडूम नीति को असंवैधानिक ठहराया और काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश शामिल है। कांग्रेस व विपक्षी दल मानते हैं कि रेड्डी ‘सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के सतत व साहसी समर्थक’ हैं। हाल ही में उन्होंने तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण कराने वाली समिति का नेतृत्व भी किया।