श्री कृष्ण जन्माष्टमी देती हैं स्वयं के भीतर झांकने की प्रेरणा: बी के बिन्दू
श्री कृष्ण जन्माष्टमी देती हैं स्वयं के भीतर झांकने की प्रेरणा: बी के बिन्दू

श्री कृष्ण जन्माष्टमी देती हैं स्वयं के भीतर झांकने की प्रेरणा: बी के बिन्दू

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सिरसा। ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय सेवा केन्द्र आनन्द सरोवर तथा उपसेवाकेन्द्र, शिव नगर, कंगनपुर रोड पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े धूमधाम तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिसमें स्थायी लोक अदालत के सदस्य के रूप में कार्यरत न्यायिक अधिकारी सरोज सोनी ने अपने परिवार सहित बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।

इस मौके पर योगेश्वर श्रीकृष्ण के जीवन चरित्रों को दर्शाती मनमोहक झांकियां सजाई गई, जिसमें सत्यभामा और रूकमणी, शेषनाग पर नृत्य करते श्री कृष्ण, सुदामा कृष्ण मिलन तथा वासुदेव का कृष्ण को लेकर आना मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।

झांकियों में दर्शाए गए आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर करते हुए राजयोगिनी बिन्दू बहन ने कहा कि आज के दिन झांकियों का दर्शन करते हुए हम अपने जीवन में भी अवश्य झांकें और आत्म विश£ेषण करें कि इन पर्वों के सन्देश को मैंने जीवन में कितना धारण किया है।

उन्होंने कहा कि सुदामा कृष्ण मिलन हमारे जीवन में मानवीय मूल्यों की धारणा का सन्देश देता है कि मनुष्य कितने भी बड़े मुकाम पर पहुंच जाए लेकिन सच्ची मित्रता निभाने के लिए सदा तत्पर रहना चाहिए और मित्र की विकट परिस्थितियों में साथ देने में कोई संकोच ना हो।

बाकी अन्य झांकियों को भी बहन जी ने स्पष्ट किया और कहा कि हमारे जीवन में जब पांचों विकार और वासनाएं सर्प बनकर प्रवेश करती हैं, यानि अपना प्रभाव डालती हैं तो आत्मा की पवित्रता नष्ट हो जाती है, लेकिन अगर हम श्रीकृष्ण जैसे व्यक्तित्व को धारण करते हैं तो यह सांप हमारे अधीन हो जाते हैं, जिसका यादगार श्रीकृष्ण को सर्प पर नृत्य करता दिखाया जाता है।

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मुख्य अतिथि सरोज सोनी जी ने भी इस मौके अपनी शुभ भावनाएं प्रेषित की और कहा कि भारत में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों का मूल सन्देश आगर हमारे जीवन का अंग बन जाए तो समाज में तेजी से फैल रहे मानसिक प्रदूषण को समाप्त किया जा सकता है।

बाल कलाकारों ने इस मौके संास्कृतिक नृत्य भी प्रस्तुत किए और अपनी कला द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के मूल आध्यात्मिक और व्यवहारिक सन्देश को उजागर किया।