सिरसा 5 सितंबर, भाजपा की पहली सूची में जिले से दो सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया गया है, जिनमें रानियां से शीशपल कंबोज तथा कालांवाली से राजेंद्र देसुजोधा के नाम शामिल है।
रानियां से शीशपाल कंबोज के रूप में प्रत्याशी उतार कर कंबोज बिरादरी को तथा कालांवाली में राजेंद्र देसुजोधा को उम्मीदवार बनाकर सिख उम्मीदवारों को साधने का प्रयास किया गया है।
शीशपाल कंबोज वर्तमान में सिरसा जिला से भाजपा अध्यक्ष है वहीं राजेंद्र देसुजोधा ने करीब एक महीने पहले ही दोबारा बीजेपी ज्वाइन की थी।
जिले की सिरसा, ऐलनाबाद व डबवाली सीटों को लेकर अभी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाना है। उधर वीरवार को भाजपा नेता आदित्य देवीलाल ने हरियाणा स्टेट एग्रीकल्चरल मार्केटिंग बोर्ड के पद से इस्तीफा दे दिया। संभावना है कि आदित्य देवीलाल को डबवाली सीट से भाजपा प्रत्याशी बना सकती है। उधर हरियाणा लोकहित पार्टी के सुप्रीमो गोपाल कांडा को भी भाजपा हाईकमान ने दिल्ली में तलब किया है।
संभावना है कि हलोपा के साथ गठबंधन के चलते गोपाल कांडा को सिरसा व ऐलनाबाद सीट दी जा सकती है। चर्चाएं हैं कि सिरसा सीट से हलोपा से गोपाल कांडा चुनावी मैदान में आ सकते हैं वहीं ऐलनाबाद से उनके छोटे भाई गोबिंद कांडा भाजपा की सीट पर खड़े हो सकते हैं।
रोचक होगा चुनावी मुकाबला, चौटाला परिवार फिर होगा आमने सामने
रानियां सीट से अभी तक इनेलो की तरफ से अभय चौटाला का बेटा अर्जुन चौटाला मैदान में हैं तो उनके सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में परिवार में उनके दादा रणजीत सिंह चुनाव लड़ेंगे।
डबवाली में भी चौटाला परिवार के सदस्य ही आमने सामने होंगे। ऐलनाबाद सीट से इनेलो नेता अभय सिंह मैदान में हैं। हालांकि अभी कांग्रेस और भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है परंतु यहां से अगर भाजपा गोबिंद कांडा और कांग्रेस भरत सिंह बैनीवाल को उतारती है तो यहां भी मुकाबला काफी तगड़ा होगा।
वर्ष 2021 में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव में इनेलो के अभय सिंह ने भाजपा प्रत्याशी गोबिंद कांडा को 6739 वोटों से हराया था। उस चुनाव में अभय चौटाला को 65798 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर गोबिंद कांडा को 59189 तथा तीसरे स्थान पर कांग्रेस के पवन बैनीवाल को 20857 वोट मिले थे।
सिरसा में गोकुल के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद पार्टी नेताओं में बगावती सुर
वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सिरसा सीट से गोपाल कांडा को कड़ी टक्कर देने वाले गोकुल सेतिया इस बार कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
उम्मीद है कि कांग्रेस उन पर ही दाव खेले। 2019 में हुए चुनाव में गोकुल सेतिया महज 602 वोटों मात खा गए थे और गोपाल कांडा विधायक बने थे। गोकुल सेतिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्षों से कांग्रेस के लिए मेहनत कर रहे नेताओं की आशाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
कांग्रेस नेता राजकुमार शर्मा, वीरभान मेहता, नवीन केडिया, अमीर चावला इत्यादि खुद तो चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन उनके समर्थक अपने नेता को ही टिकट का प्रबल दावेदार बता रहे हैं।