भर्तियों को लेकर नौ साल 11 माह तक सोता रहा है हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग: कुमारी सैलजा

भाजपा जनता का ध्यान स्थानीय मुद्दों से भटकाने का कर रही है प्रयास: कुमारी सैलजा
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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि रोजगार देने के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की नीयत में शुरू से ही खोट रहा इसलिए उसने खाली पड़े दो लाख पदों को भरने के लिए कभी सार्थक कदम नहीं उठाया।

जुमलेबाज भाजपा सरकार भर्तियों के लिए घोषणाएं तो करती रही। जब प्रदेश में आचार संहिता लग चुकी है ऐसे में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग चुनाव आयोग से भर्तियों की अनुमति मांग रहा है जिससे आयोग ने साफ इंकार कर दिया है।  

आयोग अब अनुमति मांग रहा है जबकि वह नौ साल 11 माह हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहा, उसे श्वेतपत्र जारी करते हुए जनता को बताना चाहिए कि उसने करीब दस साल के कार्यकाल में क्या किया। ये जनता है, अब भाजपा के बहकावे में आने वाली नहीं हैं, चुनाव में वोट की चोट से पूरा हिसाब चुकता करके रहेगी।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग हिम्मत सिंह के पत्रकार वार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कुमारी सैलजा ने जब प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है ऐसे में आयोग भर्ती की बात कर रहा है। सरकार अच्छी प्रकार से जानती है आयोग चेयरमैन भी जानते है कि चुनाव आयोग ऐसा करने की कभी अनुमति नहीं देता है, आयोग ने साफ कर दिया है कि जो भी भर्ती करनी है वो चुनाव के बाद करनी होगी।

चेयरमैन कह रहे है कि वे तो भर्ती के लिए तैयार है पर चुनाव आयोग अनुमति नहीं दे रहा है, ऐसा कहकर चेयरमैन और भाजपा सरकार जनता को गुमराह करने का काम कर रही है, अगर भर्ती ही करनी थी तो अब तक क्या कर रहे है थे या उन्हें प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने का इंतजार है।  

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उन्होंने कहा कि भाजपा जुमलेबाज सरकार है जिसका एक ही काम है झूठी घोषणाएं करना है। अब जनता सरकार की  झूठी घोषणाओं में फसने वाली नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार की और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की मंशा कभी भी युवाओं को रोजगार को देने की नहीं रही।

युवाओं ने हर परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की, पेपर दिया पर बाद में पता चला कि पेपर लीक हो गया।  सरकार पेपरलीक वालों पर कोई अंकुश न लगा सकी और पेपरलीक में हरियाणा एक नया रिकॉर्ड ही बन गया।  

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग नौ साल 11 माह तक क्या करता रहा, उसे श्वेत पत्र जारी कर जनता को बताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के तहत एक लाख 20 हजार युवाओं की भर्ती तो की अगर सरकार को भर्ती ही करनी थी तो उसे खाली पदों पर स्थायी भर्ती करनी चाहिए थी पर भाजपा सरकार ने ऐसा नहीं किया क्योंकि उसकी सोच युवाओं को रोजगार देने वाली रही ही नहीं।

एचकेआरएस कर्मचारियों को मामूली वेतन देकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है, समान काम समान वेतन की नीति को सरकार ने स्वयं ही ताक रखा हुआ, प्रदेश का युवा इस चुनाव में वोट की चोट से भाजपा को करारा जवाब देगा।