Sirsa - 'Worship of God should not be done by counting but by request' -
Sirsa - 'Worship of God should not be done by counting but by request' -

सिरसा – ‘ भगवान की भक्ति गिनती से नहीं, विनती से होनी चाहिए’ –

JOIN WHATSAPP CHANNEL Join Now
Join Telegram Group Join Now

सिरसा। श्री बाबा तारा कुटिया में आयोजित श्री हनुमंत कथा के दूसरे दिन आस्था का महाकुंभ उमड़ा। बागेश्वर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कथा श्रवण करने पहुंचे भक्तों से हनुमान जी महाराज की भक्ति, विनम्रता और प्रभु प्रेम के विभिन्न प्रसंगों पर चर्चा की।

बाबा सरसाई नाथ जी को नमन करते हुए बागेश्वर धाम सरकार ने सुंदरकांड की सुंदरता का सुंदर शब्दों में वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि महात्मा के नाम पर सिरसा का नामकरण हुआ यह बड़ी बात है। बागेश्वर पीठाधीश्वर ने कहा कि बाबा तारा के सेवक गोपाल कांडा और गोबिंद कांडा के प्रयासों से सिरसा में देश भर से संतों का आगमन हुआ है। विश्व प्रसिद्ध कथा व्यास पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भक्त और विप्र की पहचान तिलक देख कर हो जाती है। हनुमान जी की पहचान – साधु संत के तुम रखवारे से हो जाती है।

श्री सालासर धाम मंदिर एवम श्री राम नाम प्रभात फेरी चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित श्री हनुमंत कथा में उन्होंने सुंदर काण्ड के महत्व पर व्याख्यान दिया। बागेश्वर सरकार ने अपनी मधुर वाणी में बाला जी और अन्य भजन सुनाए। ‘ हम तो बाला जी के बाला जी हमारे हैं’ भजन गाया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी को पाने के लिए कुछ खोना नहीं पड़ता, उनका होना पड़ता है। इतना जप करो कि यमराज भी आपका खाता रद्द कर दें।

अपने दादा गुरु, बागेश्वर बाला जी, संन्यासी बाबा,सीताराम और तारा बाबा जी के चरणों में प्रणाम करते हुए तारकेश्वर धाम में उमड़े आस्था के महाकुंभ को नमन किया। उन्होंने कहा कि बाबा तारा जी की कृपा से गोपाल कांडा, गोबिंद कांडा कोई न कोई महात्मा बुलाते ही रहते हैं। संतों का सम्मान करते हैं। अलग अलग महात्माओं के दर्शन एक ही स्थल पर सिरसा वासियों को हो रहे हैं। यह भी भगवान की कृपा हो है। तुलसीदास जी ने कहा है,’ बिनु हरि कृपा मिल्ही ही नहीं संता’। आपके पास चल कर संत आएं तो समझ लेना प्रभु की कृपा है।

Breaking News
School News: Students are alert.. Schools and colleges will be closed from 4th July.. what is the reason!

उन्होंने कहा कि पहला भाग्य मनुष्य योनि में जन्म मिलना है। दूसरा भाग्य भारत में जन्म और तीसरा सनातन धर्म मिलना।बागेश्वर धाम सरकार ने रुद्र अवतार श्री हनुमान जी के जीवन को प्रेरणादायक बताते हुए एक श्रद्धालु के पत्र की चर्चा की और तनाव मुक्ति के कारण और उपाय बताए। परेशान को बार बार पढ़ कर समझना। शान से परे हो जाओ तो परेशान हो जाओगे।

भूत की चिंता छोड़ दो। वर्तमान में जियो। खुद को इंसान नहीं बदलता, यही परेशानी है। फकीर भी चिंता फिक्र छोड़ प्रसन्न रहता है। परेशानी का कारण समय से पहले और भाग्य से ज्यादा पाने की लालसा। ईश्वर पर भरोसा रखो। सकारात्मक सोचो।जिंदगी को साइकिल बना लो। संतुलन बना कर जीवन को चलाओ। महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने भी यही कहा है।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि लाभ चाहते हो तो लाभ का उल्टा यानी भला करो। हनुमान जी के पास आठ सिद्धियां दिन लेकिन कभी अभिमान नहीं किया। विनम्र बने रहे। उन्होंने कहा कि किष्किंधा कांड में केवल विचार है, लंका काण्ड में केवल कार्य लेकिन सुंदर काण्ड में दोनों ही कार्य। पहले विचार करो, फिर काम करो, फिर विचार करो।

मनुष्य भक्ति के बिना अधूरा है। बागेश्वर सरकार ने इस जीवन के दिन चार भजन गाया। जिसपर उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर होकर झूमने लगे। भीड़ में रहकर एकांत में रहना। भोग की वस्तु हो , फिर भी भोग वस्तुओं का त्याग कर के योग में पड़ना बड़ी बात।

तन से संसारी रिश्ते निभाओ , मन से गोबिंद से जुड़ जाओ। उन्होंने कहा कि बाबा बनना बड़ी बात नहीं। गृहस्थ में रहकर संन्यासी हो जाना बड़ी बात। राम भी प्रकट होने को तैयार हैं लेकिन सभी व्यस्त हैं। जैसे रन वे व्यस्त होने पर हवाई जहाज नहीं उतरता वैसे भी भगवान भी ऊपर ही घूमते हैं। कथा, कीर्तन और सत्संग के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जनता जिस नेता को चुनती है वो विधानसभा या संसद में बैठता है। भगवान जिसे चुनते हैं वो कथा में बैठता है।

Breaking News
dombivli Blast: 9 killed, more than 60 injured in blast at chemical factory in Thane district

कथा झरना है। इसमें बैठना। बस झरते झरते पाप उतर जाएंगे।  जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए सीताराम सीताराम सीताराम कहिए। बागेश्वर पीठाधीश्वर ने कहा कि हनुमान जी लंका आए, जला कर आ गए। लेकिन सबसे पीछे रहे। सबको लगता है हमने किया है लेकिन यह काज प्रभु ने किया है।

इतनी विनम्रता प्रभु में है। आठ उपाधियां हनुमान जी के पास है। लेकिन विनम्रता नहीं छोड़ते। उन्होंने हनुमान जी की आठ सिद्धियां, आठ रूप और नामों पर चर्चा की। अपनी मधुर वाणी में उन्होंने ‘ कर दो , कर दो बेड़ा पार मेरे बागेश्वर सरकार’- भजन गाया। उन्होंने कहा कि सरलता से प्रभु को पाया जा सकता है। निर्मल मन जन सो मोहि पावा मोहि कपट, छल छिद्र न भावा।

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ‘अरे मन मुसाफिर निकलना पड़ेगा, काया कुटी खाली करना पड़ेगा। सुप्रसिद्ध भजन गायक कृष्ण भूटानी ने अपने भाव प्रस्तुत किए। श्री बाबा तारा जी चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान गोपाल कांडा एवम कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने पारिवारिक सदस्यों सहित आरती की।