हर जांच के लिए डेरा तैयार, जांच पूर्ण होने तक नहीं संभालेंगे गद्दी और ना ही करेंगे सत्संग: महात्मा वीरेंद्र 
हर जांच के लिए डेरा तैयार, जांच पूर्ण होने तक नहीं संभालेंगे गद्दी और ना ही करेंगे सत्संग: महात्मा वीरेंद्र 

हर जांच के लिए डेरा तैयार, जांच पूर्ण होने तक नहीं संभालेंगे गद्दी और ना ही करेंगे सत्संग: महात्मा वीरेंद्र 

JOIN WHATSAPP CHANNEL Join Now
Join Telegram Group Join Now

कालांवाली । मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम डेरा जगमालवाली के गद्दीनशीन संत बहादुर चंद वकील साहब के निधन के बाद वसीयत के वारिस महात्मा वीरेंद्र ने पत्रकारों के सामने हर सवाल का जवाब दिया है और इस पूरी साजिश के पीछे गोरीवाला डेरा के लोगों को बताया है। महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि सरकार किसी भी स्वतंत्र जांच एजेंसी से इलाज से लेकर वसीयत तक हर मामले की जांच कराए और जब तक यह जांच पूरी नहीं होती वह गद्दी पर नहीं बैठेंगे और ना ही कोई सत्संग किया जायेगा। इस दौरान डेरा के नियमित कार्यक्रम ही होंगे। 

उन्होंने कहा कि पूरी संगत को चंद लोग बरगलाने का काम कर रहे हैं और यह वही लोग हैं जो पहले महाराज वकील साहब के गद्दी पर बैठने के दौरान भी विरोध करते थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने डेरा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है और उनकी इज्जत को खराब कर दिया है।  

कालांवाली में मीडिया से बातचीत में महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि महाराज बहादुर चंद वकील साहब के चोला छोडऩे के बाद कुछ लोग तरह-तरह के भ्रम फैलाकर संगत को गुमराह कर रहे हैं। वकील साहिब के इलाज व उन द्वारा की गई वसीयत को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उनकी निष्पक्ष जांच करवाने के लिए डेरा की ट्रस्ट भी पूरी तरह से सहमत हैं ताकि श्रद्धालुओं के सामने सारी सच्चाई सामने आ जाए। उन्होंने कहा कि 8 अगस्त को वकील साहिब के निमित रखे गए भोग में संगत सिमरन करेगी। 

Breaking News
International Yoga Day 2024: Read here the theme and significance of International Yoga Day

 महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि पिछले चार दिनों से डेरा में जो माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है, उसके पीछे गोरीवाला डेरा का चांद सिंह है, जो कुछ लोगों को भडक़ा कर डेरा की बदनामी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चांद सिंह ने कभी भी वकील साहब की बात नहीं मानी तो आज वे डेरा के हितैषी कैसे हो सकते हैं। महाराज वकील साहब के गद्दी संभालने के दौरान भी इसी व्यक्ति ने जगमालवाली गांव के लोगों को भड़काया था। 

श्रद्धालु अमर सिंह द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि उनका कुछ लोगों ने ब्रेनवाश कर दिया है। हालांकि अमर सिंह बुरा नहीं है, पर कुछ लोग उन्हें बरगला रहे हैं। जब सच्चाई सामने आएगी तो अमर सिंह खुद डेरा में आकर मानेंगे कि उन्हें गुमराह किया गया। मीडिया में उन्होंने चिट्ठी भी दिखाई जिसमें अमर सिंह ने कुछ समय पहले वकील साहिब को एक पत्र लिखकर यह कहा था कि वीरेंद्र आपकी अच्छी सेवा कर रहा है तो आज वीरेंद्र उनकी नजर में गलत कैसे हो गया , इसके पीछे का रहस्य सामने आएगा तो सब स्पष्ट हो जाएगा। 

*महाराज ने अपने दोस्त से कहा था कि संगत को वसीयत की जानकारी दे दो, पर ऐसा नहीं हुआ*

वसीयत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि यह रजिस्र्टड विसीयत वकील साहब ने अपने दोस्त सुमेर चंद व कुछ अन्य लोगों के सामने की है और कोई भी इसकी जांच करवा सकता है। वसीयत के अलावा वकील साहब द्वारा संगत में उत्तराधिकारी घोषित करने के सवाल पर महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि यह वकील साहब की मर्जी व मौज थी जो उनको ठीक लगा वह किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वकील साहब के दोस्त सुमेर चंद ने खुद उन्हें बताया कि वकील साहब ने कहा था कि सुमेर चंद सत्संग में इस बात की घोषणा कर देना, लेकिन उसके बाद वकील साहब खुद बीमार हो गए। 

Breaking News
BJP leader shot dead in Indore, deceased was close to Kailash Vijayvargiya - Bjp Leader Monu Kalyane Shot Dead

वकील साहिब के निधन को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब में महात्मा वीरेंद्र ने इलाज से संबंधित दस्तावेज और और वीडियो फुटेज भी दिखाए। उन्होंने कहा कि महाराज का भतीजा चोला छोड़ने से 2 घंटे पहले भी उनसे मिला है। परिवार के लोग लगातार मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा कि वकील साहिब का हर दृष्टिकोण से बढिय़ा से बढिय़ा इलाज करवाया गया। महात्मा वीरेंद्र ने गोरीवाला डेरा के संत रघुवीर जी महाराज के इलाज को लेकर भी सार्वजनिक सवाल पूछे हैं। कहा कि वह भी जवाब दें जो आज उनसे सवाल पूछ रहे हैं। तब उन्होंने विदेशों में इलाज क्यों नहीं करवाया था जबकि वह पूजनीय महाराज वकील साहब के इलाज को लेकर एक-एक सवाल का जवाब दे रहे हैं। 

*वकील साहब की बात संगत को माननी चाहिए* 

इस दौरान वकील साहब के भतीजे विष्णु ने कहा कि वकील साहब जो हुक्म देकर गए हैं, उसको सभी को मानना चाहिए। विष्णु ने गुरप्रीत को गद्दी देने के सवाल पर कहा कि उस दौरान डेरा का कोई श्रद्धालु मौजूद नहीं था बल्कि बाहर के लोग माहौल खराब करने के लिए डेरा में आए थे। महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि जिस व्यक्ति ने गुरप्रीत को गददी देने की घोषणा की वह इस डेरे से जुड़ा हुआ भी नहीं है और गोरीवाला डेरे का श्रद्धालु है, इसके बावजूद वह इस डेरे में आकर विवाद पैदा कर रहा है।

*फिंगर से खुलने वाली नहीं है कोई अलमारी*

महात्मा वीरेंद्र ने कहा कि डेरा में फिंगर से खुलने वाली कोई अलमारी नहीं है। संत जमीन पर सोते थे वे और प्रकार के फकीर थे। मैं जब उनके पास आया तो मात्र 13 साल का था। जब संत 16-16 घंटे तपस्या करते थे तो मैं और अन्य साथी मुस्तैद रहते थे कि संतों को कोई दिक्कत ना आए।

Breaking News
Pune News- 2 killed, minor arrested after luxury car hits motorcycle in Pune