सिरसा। श्री रामा क्लब चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जनता भवन रोड स्थित रामलीला ग्राउंड में आयोजित 75वें रामलीला एवं दशहरा महोत्सव के तहत आगामी 12 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। रामलीला एवं दशहरा महोत्सव के प्लेटिनम जुबली समारोह के अवसर पर इस बार दशहरा भी ऐतिहासिक तथा भव्य तरीके से मनाया जाएगा।
क्लब के प्रधान अश्वनी बठला एवं महासचिव गुलशन वधवा ने बताया कि रामलीला महोत्सव लगातार जारी है और रामलीला को बड़े सात्विक व पवित्र भाव के साथ मंचित किया जा रहा है। रामलीला देखने के लिए बड़ी संख्या में दर्शक आ रहे हैं। रामलीला का फेसबुक व यू टयूब चैनल पर भी लाइव प्रसारण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दशहरा महोत्सव के अवसर पर 12 अक्टूबर को प्रात: 11 बजे भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जोकि जनता भवन रोड स्थित दशहरा ग्राउंड से रवाना होगी।
शोभायात्रा को धर्म ध्वजा दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह शोभायात्रा अनाजमंडी से होती हुई शिव चौक, सुरतगढ़िया बाजार, घंटाघर चौक, भगत सिंह चौक, रोड़ी बाजार, आर्य समाज रोड से होते हुए परशुराम चौक, बेगू रोड होते हुए कंगनपुर पहुंचेगी तथा वहां से दशहरा ग्राउंड जाएगी।
दशहरा ग्राउंड में राम व रावण की सेना के बीच युद्ध होगा। इसके पश्चात बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतलों को अग्निभेंट किया जाएगा।
दशहरा महोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए प्रधान अश्वनी बठला एवं महासचिव गुलशन वधवा ने बताया कि ऑटो मार्केट में चौ. देवीलाल पार्क के समीप दशहरा ग्राउंड में दशहरा महोत्सव मनाया जाएगा। इस बार रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के तीन पुतले बनाए गए हैं तथा एक लंका का निर्माण किया गया है।
पुतलों की ऊंचाई करीब 70-70 फुट है। पुतलों को अग्निभेंट करते समय भव्य आतिशबाजी होगी। तीनों ही पुतलों में पहले मुकुट की मणि जलेगी, उसके बाद कंठी और बाद में पूरा पुतला जलेगा। रावण व कुंभकर्ण के चेहरे घूमेंगे।
रावण-कुंभकर्ण व मेघनाथ के पुतलों के निर्माण में लगे बठिंडा निवासी कारीगर गुलशन कुमार ने बताया कि वे पीढ़ी दर पीढ़ी पुतले बनाने और आतिशबाजी का काम करते हैं। उससे पहले उसके पिता, दादा-पड़दादा भी पुतले बनाने का काम करते थे। उन्होंने बताया कि रामा क्लब द्वारा तैयार करवाए जा रहे रावण, कुंभकर्ण व मेधनाथ के पुतलों के निर्माण में वे 15 दिनों से लगे हुए हैं तथा अब इन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। 11 अक्टूबर की शाम तक पुतलों को दशहरा ग्राउंड में खड़ा किया जाएगा, जिसके बाद इनमें आतिशबाजी फिट की जाएगी।
उन्होंने बताया कि पुतलों को विशेष अंदाज में तैयार किया गया है ताकि अग्निभेंट करने के बाद इनमें धीरे धीरे आग लगे और शानदार आतिशबाजी हो। कारीगर गुलशन ने बताया कि रामलीला के सीजन में उनका पूरा परिवार पुतले बनाने में लग जाता है। रामा क्लब के पुतले बड़े हैं इसलिए वे स्पेशल यहां आकर इन्हें तैयार करते हैं।
पुतले तैयार होने के बाद इन्हें अलग अलग हिस्सों में दशहरा ग्राउंड तक ले जाया जाता है और इन्हें खड़ा किया जाता है। कारीगर गुलशन कुमार ने बताया कि रावण, कुंभकर्ण, मेधनाथ के पुतले जलते देखकर उन्हें खुशी होती है कि उनकी कला को देखने के लिए हजारों लोग आते हैं। बच्चों से लेकर बुढ़ों तक पुतले जलते देखकर खुश होते हैं तथा इस त्यौहार से बुराइयां छोड़ने की शिक्षा लेते हैं।